किसान आंदोलन में विदेशी साजिश EXPOSED…

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किसान आन्दोलन पर अचानक कुछ विदेशी हस्तियों की एंट्री ने हलचल मचा दी हैं, और विदेशो का भी इस आंदोलन में हाथ है यह बात धीरे धीरे सामने आ रही है

अमेरिकी popstar रिहाना और ग्रेटा थन्बर्ग ने किये ,उन्होंने tweet में कहा की हम किसान आन्दोलन के साथ खड़े हैं और #फार्मरप्रोटेस्ट का उपयोग भी किया ….विदेशियों के इन तवीत के बाद भारत में इसका विरोध हो रहा हैं ,भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने कहा की भारत की सम्प्रभुता के साथ कोई समझोता नहीं किया जा सकता बहरी ताकते दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नही .इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने तवीत किया की कोई भी प्रोपोगेन्डा भारत के भाय का फैसला नही कर सकता ,अक्षय कुमार ,अजय देवगन और कई सेलिब्रिटीज ने विदेशी प्रोपोगेन्डा का विरोध किया

मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल में जबसे कुछ अहम फेसले हुए हसीन उसके बाद इस सरकार का विरोध करने वाली शक्तियाँ भी बद गई हैं ,किसान आन्दोलन को राजनितिक स्वार्थ के लिए उपयोग करने का स्वार्थ के लिए उपयोग करने की इच्छा के चलते पहले गणतन्त्र दिवस जेसे महत्वपूर्ण दिन दिल्ली में किसान परेड का निकालना और उसमे उपद्रव होने व उसके बाद विदेशी सेलिब्रिटियों का ट्वीट करने से से किसान आन्दोलन की साख कमजोर हुई हैं ,लेकिन क्या वास्तविकता में इन विदेशियों को भारत के किसानो की चिंता हैं ,क्या ये कृषि के बारे में जानते भी हैं , क्या इन्होने कानून पड़ें भी हैं या फिर ये कोई षड्यंत्र हैं आज यही बताऊंगा ,
नमसकर आप reality देख रहें हैं में अमन व्यास हूँ |
जिन विदेशि सेलेब्रिटी ने कल किसान आन्दोलन के समर्थन में तवीत किया हैं उनके नाम हैं रिहाना ,ग्रेट ठुन्बुर्ग और मिया ,पहली popstar हैं ,दूसरी पर्यावरण एक्टिविस्ट और तीसरी अश्लील फिल्मो में काम करती हैं .अब विचारिये जब इन तीनो के कार्यक्षेत्र अलग अलग हैं तीनो के मध्य कनेक्ट होने का कोई माध्यम नही हैं फिर भी इन तीनो ने एक ही दिन एक ही विषय पर एक ही # का उपयोग करके एक सरखे तवीत किये इसके पीछे का कारन क्या हैं ,इनके मध्य इकोसिस्टम का काम किसने किया |

जी न्यूज़ को एक प्लान शीट हाथ लगी हैं जिसके बारे में कल सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम dna में बताया ,उस प्लान शीट की प्रमाणिकता इसलिये भी बड जाती हैं क्योकी उसमे प्राप्त जानकारी सत्य हुई हैं .
इस प्लान शीट में २६ जनवरी को ट्विटर पर किसान परेड के दोरान जो #askindiawhy ट्रेंड करवाया उसके बारे में भी बात खी गई हैं ,एक मेसेज के माध्यम से कहा गया की २५ जनवरी तक फोटो विडियो व अन्य सामग्री इस ईमेल पर भेजे ताकि २६ जनवरी को ट्वीट करने के लिए सामग्री मिल सकें , इसके आगे के प्लान में ४ और ५ फरवरी को ट्विटर अभियान चलाया जायेगा इसका समय इन्होने 11 से २ बजे तक इसका समय टी किया जहैं ..जिसे ट्विटर स्टॉर्म याने ट्विटर आंधी का नाम दिया गया हैं

एक बात और समझिये जिन अंतरराष्ट्रीय शख्सियतों ने ट्वीट किया हैं उनकी फॉलोवर्स की संख्या मिलियंस में हैं ,ये लोग बिना pr के कुछ भी नही करते ,तो इस मुद्दे को उठाने का कारण क्या हैं ,दो कारण हो सकते हैं या तो इन्हें मोटी रकम ट्वीट करने के बदले में मिली ह्यो या फिर ये इनका पब्लिसिटी स्टंट हैं ।

फिर से उस दस्तावेज पर आते हैं उसमे लोगो से सहायता करने के लिए आगे आने को भी कहा गया हैं ,हेल्प के कई प्रकार तय किये गए हैं ।
जिसमे पहला हैं onground सपोर्ट ,यानी कि आप विरोध प्रदर्शन जहां ह्यो रहें हैं यानी दिल्ली की सीमाओं पर वहां जाकर विरोध में समिलित ह्यो सकते हैं ।
साथ ही यह भी कहा गया हैं कि आप दुनिया मे जहां कहीं भी रहते हैं वही से विरोध कीजिये ,आपके आसपास भारत की एम्बेसी ह्यो तो वहां जाकर विरोध प्रदर्शन कीजिये ,यह सीधा -सीधा भारत की छवि को विश्व पटल पर खराब करने का षड्यंत्र हैं ।

दूसरी सहायता की आप फ़ोटो ,वीडियो ,ऑडियो ,गाने ,ग्राफ़िक्स ,एनिमेशन ,ट्वीट कंटेंट ,पोस्ट कंटेंट आदि आदि सोशल मीडिया की सामग्री बनाकर भी हमारी सहायता कर सकते हैं ।
साथ ही कहा गया हैं कि आप किसान आंदोलन के समर्थन में शार्ट वीडियो बनाइये ओर हमें email कीजिये ।

इसीमे आगे कहा गया हैं कि भारत मे मानवाधिकारों का हनन का लंबा इतिहास हैं ,वहां संविधान की हत्या की जा रही हैं जिसका हम 26 जनवरी को जब राजपथ पर परेड होगी इसके लिए प्रदर्शन करेंगे ।
साथ ही दुनिया भर में 23 से 26 जनवरी तक एक साथ ट्वीट करवाने के लिए दुनिया भर में एक समय तय करके यानी मिशन की तरह हैशटैग ट्रेंड करवाने की बात कही गई हैं ,इनमे #farmerprotest ओर #askindiawhy जैसे हैशटैग शामिल हैं ,ये संयोग ही हैं कि विदेशी सलिब्रटी ने जब ट्वीट किया तो उन्होंने #farmerprotest का उपगोग किया ,इसके साथ ही हर ट्वीट में pmo india , narendara singh tomar के साथ ही अमेरिका के मंत्रालयों के ट्विटर हैंडल को भी टैग करने की बात कही गई हैं ।
साथ ही कहा गया कि हम ब्रिटेन के सांसदों से भी बात कर रहें हैं कि इसके लिए ट्वीट करें ।
इसका एक परिणाम भी सामने आया हैं ब्रिटेन की एक सांसद बे ट्वीट किया हैं कि वे कृषि कानूनों का विरोध करने वाले एक लाख लोगों के सिग्नेचर इकट्ठा कर चुकी हैं ।और इसके बारे में ब्रिटेन की संसद बहस होगी ।

बहुत से विदेशी षड्यंत्र एक साथ परत दर परत खुल रहें हैं ,26 जनवरी को ट्रेक्टर परेड में फंडिंग भी शायद विदेशो से ही हुई ह्यो ,एम्बेसी को घेरकर भारत की छवि खराब करने का प्लान भी एक्सपोज़ ह्यो गया हैं ।
थंबर्ग ने अपने ही आकाओ के पैर पर कुल्हाड़ी मार दी हैं ,जो भारत के लिए अच्छी बात हैं ,लेकिन जब पार्टियां राजनीतिक हित के लिए भारत की छवि खराब करने वाले विदेशियों तक को ठीक बताने लगते हैं तो तरस आता हैं ,यह विषय सामान्य नही हैं क्योंकि विदेश मंत्रालय को इस fack प्रचार तंत्र को रोकने के लिए ट्वीट करना पड़ा और कहना पड़ा कि ये विदेशी प्रोगेंडा हैं और ये भारतीयों की अक्षुण्टता में विघ्न उत्तपन करने के लिए लाया जा रहा हैं विदेश मंत्रालय ने सबसे एक रहने का निवेदन किया हैं।
हम सबको भी इस फेक प्रचार तंत्र के विरोध में आवाज बुलंद करनी चाहिए साथ ही अपनी लड़ाई हम सुलझा लेंगे विदेशियों की झूठी सांत्वना की हमें जरूरत नही यह सन्देश सभी को मिलकर देना चाहिए ।

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