संदेशखाली की घटना के विरोध में प्रदर्शन और ज्ञापन

इंदौर में संदेशखाली की घटना के विरोध में प्रदर्शन और ज्ञापन

पश्चिम बंगाल (संदेशखाली) में महिलाओं और बच्चों पर लगातार हो रहे अत्याचार को प्रमुखता से संज्ञान में लेकर कड़ी कार्यवाही करने के विषय में माननीय राष्ट्रपति जी के नाम ज्ञापन देने हेतु सकल हिंदू समाज की महिला शक्ति बड़ी संख्या में सम्मिलित हुई।

घटना के विरोध में मां अहिल्या मंच की महिलाओं ने भी प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान महिलाओं ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

राष्ट्रिय स्टार पर भी संदेशखाली घटना में पीड़ित महिलाओं को न्याय की माँग हेतु अभाविप का 800 से अधिक स्थानों पर देशव्यापी प्रदर्शन।

अभाविप के नेतृत्व में डीयू, जेएनयू, जामिया के विद्यार्थियों ने दिल्ली में बंग भवन का घेराव किया।

संदेशखाली घटना में न्याय की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रही अभाविप राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल व शालिनी वर्मा सहित 41 कार्यकर्ताओं को कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया।

अभाविप के नेतृत्व में डीयू, जेएनयू, जामिया के विद्यार्थियों ने दिल्ली स्थित बंग भवन पर, पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों ने कोलकाता में, मुंबई विश्वविद्यालय परिसर, बीएचयू परिसर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर, हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर सहित देश में 800 से अधिक स्थानों पर पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा महिलाओं के साथ बलात्कार, जघन्य अपराधों तथा जमीन हड़पने के मामले का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश की राजधानियों, जिला केन्द्रों सहित विभिन्न स्थानों पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में विद्यार्थी व युवा सम्मिलित हुए तथा ममता बनर्जी सरकार की विफलताओं की निंदा करते हुए संदेशखाली घटना में शामिल अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की।


उज्संजैन में भी संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न पर मातृशक्ति का विरोध प्रदर्शन।

संदेशखाली (पश्चिम बंगाल) में महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में संवर्धिनी जागृति मंच उज्जैन द्वारा प्रदर्शन किया गया। टॉवर चौक से प्रशासनिक भवन कोठी तक ममता तेरे अत्याचार नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे, संदेश खाली के अपराधी को फांसी दो फांसी दो गूंज उठा। संदेशखाली (पश्चिम बंगाल) में महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों एवं हिंसा का संवर्धिनी जागृति मंच ने घोर विरोध करते हुए कहा कि ये घटनाएं, जो निरंतर हो रही थी, ई.डी. के अधिकारियों पर हमला होने के बाद और शहजाद शेख के फरार होने के बाद ही, अभी से कुछ दिन पूर्व ही सामने आ सकी है। राजनैतिक और धार्मिक कारणों से प्रेरित ये कृत्य संवर्धिनी जागृति म पुलिस प्रशासन एवं पश्चिम बंगाल सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीडन, मारपीट की अनेकों घटनाएं लगातार निकल कर सामने आ रही है। अपराधियों द्वारा जमीन हड़पने के कितने ही मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति सामने आई है। स्थिति इतनी भयानक है कि कई दिनों से हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफ.आई.आर. दर्ज चगा में 7 वार्टी में वात नहीं की थी। राजनैतिक, धार्मिक व आर्थिक मुद्दों में महिलाओं एवं बच्चों को निशाना बनाना अत्यंत अमानवीय, अपमानजनक एवं पीड़ादायक है। संवर्धिनी जागृति मंच ने इन दर्दनाक घटनाओं की घोर निन्दा एवं विरोध दर्ज कराया। संवर्धिनी जागृति मंच उज्जैन ने ज्ञापन देते हुए मांग की कि पश्चिम बंगाल में हो रहे इन कुकृत्यों के दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। सभी दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करके शीघ्र गति न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) में प्रकरण चला कर शीघ्र न्याय दिया जाए। सभी पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता तुरंत प्रदान की जाए। पश्चिम बंगाल सरकार एवं पुलिस तुरंत इस पर कार्रवाई करे। केन्द्रीय गृह मंत्रालय तुरंत ही इन घटनाओं का संज्ञान लेकर उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करे। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के द्वारा इस गंभीर घटनाक्रम का संज्ञान लेकर की गयी त्वरित कार्यवाही का संवर्धिनी जागृति मंच द्वारा स्वागत किया गया।

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