विश्व के सबसे बड़े अभियान ने कराए भारत की एकात्मता के दर्शन – चंपत राय

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के माध्यम से अपना समर्पण सदैव जमा करा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हम 4 लाख गांवों में समर्पण के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुए हैं. नगरीय क्षेत्रों के सभी वार्डों में संपर्क हुआ है. हालांकि अभी परिवारों के आँकड़े आने अभी शेष हैं. किन्तु, अनुमानत: 10 करोड़ परिवारों से हमारा संपर्क हुआ है तथा समाज के हर क्षेत्र से समर्पण प्राप्त हुआ है. इस दौरान अनेक ऐसे प्रसंग आए, जिन्होंने अभियान में लगे कार्यकर्ताओं के मन-मस्तिष्क को भी द्रवित कर दिया. अनेक स्थानों पर जहां भिक्षुकों ने समर्पण किया. वहीं, दैनिक मजदूर व खेतिहर किसानों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. मुस्लिम समाज का समर्पण भी उल्लेखनीय है. विदेशस्त रामभक्तों से निवेदन है कि वे थोड़ी प्रतीक्षा और करें. कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने पर आपको सूचित कर दिया जाएगा.
चंपत राय ने कहा कि इस विशाल अभियान में 1,75,000 टोलियों में लगभग 9 लाख कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर संपर्क किया. 38125 कार्यकर्ताओं के माध्यम से समर्पण निधि बैकों में जमा हुई. सम्पूर्ण अभियान की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जहां देश भर में 49 नियंत्रण केंद्र बनाए गए, वहीं दिल्ली स्थित मुख्य केंद्र में दो चार्टर्ड एकाउंटेंटों के नेतृत्व में अकाउंटस की निगरानी हेतु 23 योग्य कार्यकर्ताओं ने सम्पूर्ण भारत से सतत संपर्क साधकर रखा. हैदराबाद की धनुषा इन्फोटेक कंपनी द्वारा बनाए गए एप्प ने कार्यकर्ताओं, बैंकों तथा न्यास के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में कार्य किया.
उन्होंने कहा कि हालांकि अंतिम आंकड़े आने शेष हैं, फिर भी 4 मार्च तक की प्राप्तियों के आधार पर कहा जा सकता है कि समर्पण राशि 2500 करोड़ को पार करेगी. इसी माह में देश के प्रत्येक जिले में अभियान का अंकेक्षण(ऑडिट) भी पूर्ण हो जाएगा. देश के प्रत्येक कोने में रामभक्तों ने समर्पण किया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश से 4.5 करोड़, मणीपुर से 2 करोड़, मिजोरम से 21 लाख, नागालैंड से 28 लाख व मेघालय से 85 लाख तथा दक्षिण के राज्यों में से तमिलनाडु से 85 करोड़ व केरल से 13 करोड़ समर्पण राशि जमा चुकी है.
जन्मभूमि पर कार्य की स्थिति के बारे में कहा कि वहां नींव की खुदाई तथा मलवा हटाने का कार्य लगभग 60% पूर्ण हो चुका है तथा आशा है कि अप्रैल से नींव की भराई का कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा.

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