-कंवर्जन के मामले में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मतन्तरण विषयक पहला निर्णय
— सामूहिक सभा में ईसाई बनाने का प्रयास — ग्राम बिजौली में 26 दिसंबर 2020 को सामूहिक सभा में वनवासियो को कन्वर्ट करने का मामला सामने आया है, इस विषय में आवेदन टेटिया पिता हुरु बारिया ने थाना कल्याणपुर में गांव के कुछ लोगों पर अवैध रूप से दबाव बनाकर लालच देकर कन्वर्ट करने कि शिकायत कि थी। जिसमें 3 ईसाई धर्म प्रचारक (फादर ) के नाम प्रमुखता से सामने आए थे, जिनपर अवैध रूप से प्रलोभन देकर ईसाई बनाने का फरियादी ने आरोप लगाया था
मध्य प्रदेश के इंदौर के निकट जनजाति बहुल क्षेत्र झाबुआ अलीराजपुर में मतान्तरण करवाने के आरोप में तीन पादरियों
को मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹50,000 जमा करने का सत्र न्यायाधीश मोहनलाल गर्ग ने निर्णय दिया।
जनजाति क्षेत्र के भोले-भाले वनवासियो को बहला-फुसलाकर,लालच देकर हिंदू से ईसाई बनाने की घटनाएं आम हो गई है इसाई मिशनरियों का यहां आए दिन का खेल हो गया है।
घटना के अनुसार ग्राम बिसोली के जमसिंह पिता जोगणिया क्रिश्चियन, अनसिंह पिता गलिया क्रिश्चियन तथा मांगू पिता मोहनलाल क्रिस्चियन को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 -2021 की धारा 5 के अनुसार वनवासी बहुल क्षेत्र में कंवर्जन करवाने के अपराध का दोषी करार दिया गया है।
झाबुआ जिले में यह पहला प्रकरण है जिस में मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत में सजा हुई है।