आदिवासी बहुल झाबुआ में निकली कांवड़ यात्रा, आसपास के अनेकों गांवो से हजारों महिलाए -नागरिक हुए सम्मिलित

भयंकर बारिश में निकली आदिवासियों की कांवड़ यात्रा, बन गई धर्मसभा, कन्वर्जन के खिलाफ आवाज उठाई

झाबुआ, विसंके। विश्व हिंदू परिषद के मालवा प्रांत द्वारा प्रतिवर्षानुसार
जनजाति बहुल जिला झाबुआ में निकाली गई, इस
कांवड़ यात्रा में जिलें के गांव -फलियों से आई मातृशक्ति -युवा -वृद्ध सभी ने हिस्सा लिया, पुरुषो ने कांवड़ लेकर और महिलाओ ने सिर पर कलश लेकर झाबुआ के पवित्र देवझिरी तीर्थ से जल भरकर यात्रा प्रारंभ की।

झाबुआ के बस स्टेंड पर पहुंचने पर यह यात्रा धर्मसभा में बदल गई, संतो तथा सामजिक कार्यकर्ताओ ने सभा को संबोधित किया और मिशनरियों तथा अन्य शक्तियों द्वारा चल रहें “कन्वर्जन” के षड्यंत्र और “स्वधर्म” की महानता से सभी को अवगत कराया, बरसते पानी में हुई धर्मसभा में सभी नागरिक उत्साह के साथ सम्मिलित हुए।

यह कावड़ यात्रा झाबुआ के खूमसिंह जी महाराज द्वारा दो दशक पूर्व प्रारंभ की गई थी, ईसाई मिशनरियों द्वारा अंधाधुंध हो रहें कन्वर्जन को रोकने और जनजाति बंधुओं को धार्मिक जन-जागरण द्वारा “स्व” का भाव जगाने के लिए इसका आयोजन किया गया था यह क्रम अभी तक अनवरत चल रहा हैं,

यात्रा समाप्ति के पश्चात यात्रा में सम्मिलित स्त्री- पुरुष देवझिरी का पवित्र जल अपने गांव की ओर लेकर चल पड़े, ये जनजाति भगिनी बंधु वहाँ जाकर अपने-अपने फलियों में विराजित शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं l

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