देवर्षि नारद जी का संवाद-संचार धर्म और लोकहित में होता था लेकिन 80 एवं 90 के दशक में देव ऋषि नारद की छवि को चलचित्र के माध्यम से विकृत करने का प्रयास हुआ – मुख्य वक्ता परमार

धार। विश्व संवाद केंद्र मालवा द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी आद्य संवाददाता देवर्षि नारद जयंती समारोह का आयोजन प्रेस क्लब धार के सहयोग से हुआ।

आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में स्वदेश के संपादक शक्तिसिंहजी परमार इंदौर एवं वरिष्ठ लेखक व समाजसेवी अरविंदजी पंडित इंदौर उपस्थित रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ आद्य संवाददाता देवऋषि नारद जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता संपादक शक्तिसिंह परमार ने कहा कि देव ऋषि नारद जी ऐसे पत्रकार थे जिनका तिनो लोको में संवाद था। उनका कोई घर नही था लेकिन वे जहां भी जाते थे। चाहे वह देव हो दानव हो या मानव हो उनका स्वागत होता था। देवऋषि का संवाद हमेशा लोकहित,और धर्म हित में होता था।

लेकिन 80 एवं 90 के दशक में देव ऋषि नारद की छवि को चलचित्र के माध्यम से विकृत करने का प्रयास हुआ। देव ऋषि का संवाद ऐसा कभी नही रहा जो समाज या देश के विपरीत हो, लेकिन फिर भी उनकी छवि को विकृत करने का एजेंडा चलाया गया।

वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ लेखक अरविन्द पंडित ने कहा कि समय के के साथ चीजे बदली है लेकिन सनातन का आधार ऋषियों का मार्गदर्शन है। हमें पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों को देवऋषि नारद के चरित्र के माध्यम से समझने की आवश्यक्ता है।

विदित हो कि विश्व संवाद केंद्र मालवा द्वारा मालवा निमाड़ के सभी 15 जिलों में नारद जयंती कार्यक्रम, स्थानीय पत्रकारों के मध्य आयोजित किए जा रहें है।

नारद जयंती २०२३ Narad Jayanti 2023

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