
‘छावा’ एक ऐसी फिल्म है जो छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान की कहानी को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है। शानदार अभिनय, सशक्त निर्देशन, और उत्कृष्ट संगीत के साथ, यह फिल्म इतिहास प्रेमियों और सिनेमा दर्शकों के लिए एक अवश्य देखने योग्य प्रस्तुति है।
छावा’ एक ऐतिहासिक महाकाव्य फिल्म है, जो मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास ‘छावा’ से प्रेरित है, जिसका निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है। फिल्म में विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की मुख्य भूमिका निभाई है, जबकि रश्मिका मंदाना ने महारानी येसुबाई और अक्षय खन्ना ने मुगल सम्राट औरंगजेब का किरदार निभाया है।
फिल्म की कहानी 1681 से 1689 के बीच की है, जब संभाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य का नेतृत्व किया। यह अवधि मुगल सम्राट औरंगजेब के साथ संघर्ष और मराठा साम्राज्य की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए किए गए युद्धों से भरी थी। फिल्म में संभाजी महाराज की वीरता, रणनीतिक कौशल और बलिदान को दर्शाया गया है, जो उन्होंने अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए किया। कहानी में बुरहानपुर पर मराठा आक्रमण, मुगल सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध, और अंततः संभाजी महाराज की गिरफ्तारी और बलिदान को प्रमुखता से दिखाया गया है।
किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान की कहानी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है, ताकि दर्शक उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें और भारतीय इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय के बारे में जागरूक हो सकें।
विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज के रूप में एक प्रभावशाली प्रदर्शन दिया है, जो उनकी वीरता और नेतृत्व को सजीव करता है। रश्मिका मंदाना ने महारानी येसुबाई की भूमिका में अपने चरित्र की गहराई और समर्थन को बखूबी निभाया है, जबकि अक्षय खन्ना ने औरंगजेब के रूप में एक शांत लेकिन खतरनाक प्रतिद्वंद्वी का चित्रण किया है। फिल्म की एक्शन कोरियोग्राफी विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो युद्ध दृश्यों को वास्तविक और रोमांचक बनाती है। संगीत के संदर्भ में, ए. आर. रहमान का स्कोर फिल्म के मूड और थीम के साथ मेल खाता है, हालांकि कुछ समीक्षकों ने इसे उनकी सामान्य उत्कृष्टता से थोड़ा कमतर माना है।
‘छावा’ फिल्म, शिवाजी सावंत के लोकप्रिय मराठी उपन्यास ‘छावा’ पर आधारित है, जो मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित है। फिल्म में, 17वीं सदी में मुगल सम्राट औरंगजेब के खिलाफ संभाजी महाराज के संघर्ष को दर्शाया गया है, जिसमें उन्होंने अपने पिता छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को आगे बढ़ाया।
विक्की कौशल ने संभाजी महाराज के रूप में एक प्रभावशाली और बहुआयामी प्रदर्शन दिया है, जो उनकी वीरता और नेतृत्व को बखूबी दर्शाता है। रश्मिका मंदाना ने महारानी येसुबाई की भूमिका में अपने चरित्र की गहराई और समर्थन को सजीव किया है, जबकि अक्षय खन्ना ने औरंगजेब के रूप में एक शांत लेकिन खतरनाक प्रतिद्वंद्वी का चित्रण किया है।
फिल्म की एक्शन कोरियोग्राफी विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो युद्ध दृश्यों को वास्तविक और रोमांचक बनाती है। हालांकि, संगीत के संदर्भ में, ए. आर. रहमान का स्कोर उनकी सामान्य उत्कृष्टता से थोड़ा कमतर माना गया है।
फिल्म की कहानी 1681 से 1689 के बीच की घटनाओं को कवर करती है, जहां संभाजी (विक्की कौशल) अपने पिता की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य की बागडोर संभालते हैं। उनकी बहादुरी और रणनीतिक कौशल से मुगल सेना को कड़ी चुनौती मिलती है, विशेष रूप से बुरहानपुर की विजय के माध्यम से। इससे औरंगजेब (अक्षय खन्ना) क्रोधित होकर दक्कन पर आक्रमण करता है, जहां उसे मराठों से कड़ा प्रतिरोध मिलता है।
फिल्म में विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। उनकी अभिनय क्षमता और चरित्र में डूबने की कला ने दर्शकों और आलोचकों से सराहना प्राप्त की है। रश्मिका मंदाना ने महारानी येसुबाई के रूप में प्रभावशाली अभिनय किया है, जबकि अक्षय खन्ना ने औरंगजेब के रूप में अपने ठंडे और खतरनाक व्यक्तित्व को बखूबी निभाया है। दिव्या दत्ता ने राजमाता की भूमिका में और नील भूपालम ने औरंगजेब के पुत्र मिर्जा अकबर के रूप में अपने छोटे लेकिन महत्वपूर्ण किरदारों में छाप छोड़ी है।
फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है, जिन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं को जीवंत करने का प्रयास किया है। हालांकि, कुछ समीक्षकों ने फिल्म की गति और वीएफएक्स की गुणवत्ता पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। फिल्म का संगीत ए.आर. रहमान द्वारा रचित है, जो फिल्म की भव्यता में योगदान देता है।
डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी