सरसंघचालक डॉ मोहनराव जी भागवत के मालवा प्रांत के प्रवास का प्रथम दिवस।

ब्रह्मपुर में गोविंदनाथ महाराज के समाधि स्थल के जीर्णोद्धार कार्यक्रम, धर्म संस्कृति सम्मेलन में भाग लिया तथा लोधीपुरा स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा में मत्था टेंका।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहनराव जी भागवत 16 व 17 अप्रैल को दो दिवसीय मालवा प्रांत के प्रवास पर है। अपने प्रवास के प्रथम दिवस सरसंघचालक जी ने विविध कार्यक्रमों में भाग लिया।

सरसंघचालक जी महाजनापेठ स्थित गोविंदनाथ महाराज के समाधि स्थल के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और नाथ संप्रदाय के हजारों भक्तों को संबोधित किया

सरसंघचालक जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि धर्म की आवश्यकता सभी को है और धर्म देने वाला भारत है
100 साल की अवधि में हमें पूरा बदल देने वाले लोग यहां आए, लेकिन उनके हाथों में कुछ नहीं लग रहा है। हमारे समाज को ज्ञान रहे तो वह छल- कपट को पहचान सकेगा, इसलिए उसमें आस्था पक्की करनी चाहिए। हमारे व्यक्ति को रामायण तो पता है, लेकिन उसका भाव नहीं पता। उसे तैयार करना पड़ेगा ताकि सवाल पूछने वाले को सही जवाब दे सकें। उसका यह कच्चापन हमको दुःखी करता है। हमारे पूर्वजों ने हमारी जड़ें पक्की कीं, उसे उखाड़ने का आज तक प्रयास होता रहा,हमारे लोग नहीं बदलते, जब उनका विश्वास उठ जाता है कि हमारा समाज हमारे साथ नहीं तब ऐसा होता है. हमें उन्हें जोड़ना है।
उन्होंने आगे कहा कि बहुत शीघ्र धर्म के मूल्यों के आधार पर दुनिया चलने वाली है और सबसे पहले भारत चलेगा। 20-30 साल में यह परिवर्तन हम सभी के प्रयासों से देखने को मिलेंगे। महाजनापेठ में आयोजित इस कार्यक्रम में साधु -संत व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

इसके पश्चात सरसंघचालक जी ने शिकारपुरा स्थित गुर्जर भवन में आयोजित धर्म संस्कृति सम्मेलन में कहा कि ये जात-पात, पंथ, संप्रदाय, पूजा के भेद छोड़ दो। यह विश्व ही मेरा घर है यह मानकर चलो। सबका ख्याल रखकर अपना ख्याल रखना है। सभी के मुख से मंगल विचार, मंगल वाणी निकलनी चाहिए। देश की भक्ति, सभी के प्रति सद्भाव होना चाहिए। दुनिया का ध्यान भारत की तरफ है।दुनिया भारत को गुरू बनाना चाहती है लेकिन भारत को इसके लिए तैयार होना पड़ेगा।
धर्म संस्कृति सम्मेलन में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। आसपास के जिलों से एक दिन पहले से ही यहां लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था

इसके पश्चात सरसंघचालक जी लोधीपुरा स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारे में मत्था टेंकने पहुंचे। इस अवसर पर गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष व सिख समाज के गणमान्य जन उपस्थित रहें, सरसंघचालक जी ने यहां कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब सम्पूर्ण हिंदू समाज की श्रद्धा का केंद्र है। विदित हो कि इसी स्थान पर गुरु गोविंद सिंह जी ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब का स्वर्ण लिपि में लेखन किया था। सरसंघचालक जी ने उस प्रति के दर्शन भी किए और गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से संबंधित अन्य रोमांचित कर देने वाली घटनाओं को भी जाना, सरसंघचालक जी लगभग 40 मिनट तक गुरुद्वारे में रहें।

सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत जी, मालवा प्रांत के अपने प्रवास के दूसरे दिन ब्रह्मपुर में नवनिर्मित डॉ हेडगेवार स्मारक समिति के जिला कार्यालय का उद्घाटन करेंगे साथ ही वहां उपस्थित स्वयंसेवकों व समाजजनों को संबोधित करेंगे।

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