अक्षरा में होने वाले शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्य देश में बनेंगे मॉडल -होसबाले जी

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भोपाल । विद्या भारती मध्यक्षेत्र के शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन अक्षरा का लोकार्पण बुधवार प्रातः 9 बजे किया गया। कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होसबाले, मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष दू.सी. रामकृष्ण राव, विद्या भारती मध्य क्षेत्र के अध्यक्ष श्री सुरेश गुप्ता, विद्या भारती मध्य क्षेत्र के सचिव श्री विवेक शेंडे के कर कमलों से संपन्न हुआ।

लोकार्पण कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले के मुख्य अतिथि विद्या भारती अखिल भारतीय अध्यक्ष दू.सी. रामकृष्ण राव के विशेष आतिथ्य एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सानंद संपन्न हुआ।

कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए विद्या भारती मध्य क्षेत्र के सचिव विवेक शेंडे ने बताया कि देश भर में विद्या भारती शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में कार्य करती है। देश में अनेक प्रशिक्षण संस्थान हैं, उसी क्रम में मध्य क्षेत्र में प्रशिक्षण की दृष्टि से इस संस्थान का निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण आज हो रहा है। यह मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विद्याभारती के कार्य के लिए उपयोगी होगा।

इस अवसर पर विद्या भारती मध्य क्षेत्र की पत्रिका \”अक्षरा\” का भी विमोचन अतिथियों के कर कमलों से किया गया। इसका संपादन डॉक्टर संजय पटवा ने किया। इससे पूर्व इसी परिसर में सरस्वती शिशु मंदिर के नवीन भवन का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विद्या भारती के अध्यक्ष दू. सी. रामकृष्ण राव ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह शोध, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में यह संस्थान बड़ी भूमिका निर्वहन करेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों के कौशल विकास पर जोर दिया गया है इस प्रशिक्षण शोध संस्थान में शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे और उस दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि जो आचार्य है, शिक्षक है, वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रथम पंक्ति का योद्धा है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करना है। ज्ञानार्जन एक ही दिशा से नहीं बल्कि कहीं से भी प्राप्त हो सकता है। ज्ञान के जो स्रोत हो वहां से हमें ज्ञान स्वीकार करना चाहिए।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा का कार्य केवल सरकार के हाथों में हो ऐसा बिल्कुल नहीं है, सामाजिक क्षेत्र की संस्थाएं यह कार्य बखूबी निभा रही हैं जिसमें विद्या भारती एक बड़ी संस्था है। विद्या भारती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में बड़ा योगदान दिया है और क्रियान्वयन में भी यह बड़ी भूमिका निभा रही है।

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उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य है हमें जो ज्ञान प्राप्त हुआ है, जो अनुसंधान हमने किया है उसे अगली पीढ़ी को स्थानांतरित करें। सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कार्य छात्रों को नागरिक संस्कार देना है। भारतीय परंपरा में यह अनादि काल से किया जा रहा है। बालक बेहतर मनुष्य कैसे बने, इस पर शैक्षिक संस्थाओं में विचार किया जाता है। छात्र में प्रत्येक सद्गुण का समावेश हो इसका पूरा प्रयास किया जाता है। हमारे सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा के साथ संस्कार की शिक्षा देने के इस कार्य का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। विद्या भारती का यह शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान केवल विद्या भारती के लिए ट्रेनिंग सेंटर नहीं बल्कि शासकीय स्तर पर भी इसका कैसे उपयोग हो, इसका कैसे प्रशिक्षण में लाभ ले सकें, इस पर योजना बनाई जाएगी।
 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि इस केंद्र से शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का कार्य होगा जो पूरे देश में एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा। विद्या भारती की संस्थाओं से अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के केंद्र संचालित हो रहे हैं। विद्याभारती मध्य क्षेत्र ने अखिल भारतीय स्तर पर अपना स्थान बनाया है। उन्होंने कहा विद्या भारती के पूर्व छात्रों ने इस वैश्विक महामारी में जिस प्रकार से कार्य किया है वह मन को प्रसन्न करने वाला है। यह कार्य बताता है कि विद्या भारती के विद्यालय अपने विद्यार्थियों को क्या संस्कार देते हैं। पूर्व छात्रों ने हर क्षेत्र में अपने विद्यालय से प्राप्त संस्कारों का प्रदर्शन कर सेवा का कार्य कर इतिहास रचा है और उन्होंने अपने मानव होने का प्रकटीकरण किया है।

उन्होंने कहा कि महामारी के कारण शिक्षा व्यवस्था कुंठित हो गई थी, अन्य आयाम भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अब धीरे- धीरे सब ठीक होता जा रहा है। इस महामारी के दौरान हम सबको मिलकर उसका सामना करना है। उससे लड़ना है न कि एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर समय निकालना है। हम सबको एक दिशा में सोच कर इस समस्या का निदान कैसे हो, विजय प्राप्त कैसे हो, उस पर विचार कर योजना बना आगे आगे बढ़ना है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जननीति है इसमें जनता के सुझाव शामिल हैं। भारतीय शिक्षा दुनिया में उदाहरण बने, हिंदुस्तान को वहां ले जाकर खड़ा करना है, जहां पहले हम खड़े थे। हम विश्व गुरु थे, दुनिया की शिक्षा का केंद्र थे, अब हमें इसका उदाहरण प्रस्तुत करना है जिससे दुनिया हमारा अनुकरण कर सके।

सरकार्यवाह ने कहा कि जहां संस्थान होते हैं वहां समाजोन्मुखी कार्य ज्यादा होते हैं। और भोपाल में इस तरह के संस्थान अधिक बनते जा रहे हैं और यह देश के लिए उदाहरण बनता जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती मध्य भारत प्रांत प्रमुख डॉ श्री राम भावसार ने किया। आभार प्रदर्शन मध्य क्षेत्र के श्री जितेंद्र सिंह ने किया।

कार्यक्रम में विद्या भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री काशीपति जी, सह संगठन मंत्री श्री गोविंद जी मह॔त, सह संगठन मंत्री श्री यतींद्र जी शर्मा, महामंत्री श्री श्रीराम अरावकर, मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री भालचंद जी रावले एवं मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विद्या भारती के अनेक कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक श्री अशोक जी पांडे,  अशोक जी पोरवाल, क्षेत्र सह कार्यवाह हेमंत जी मुक्तिबोध, विद्या भारती मध्य क्षेत्र के चारों प्रांतीय संगठन मंत्री क्षेत्रीय समिति चारों प्रांतों की प्रांतीय समितियां के सदस्य एवं पूर्णकालिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह जी सोलंकी, मध्य प्रदेश शासन के मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, श्री इंदर सिंह परमार, श्री कमल पटेल, श्री ओमप्रकाश सकलेचा, श्री विश्वास सारंग, संगठन महामंत्री सुहास जी भगत, सह संगठन मंत्री हितानंद जी शर्मा एवं बड़ी संख्या में शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

लोकार्पण के बाद पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षारोपण में माननीय अतिथियों द्वारा किया गया।

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