भूमिसुपोषण अभियान निमित्त माननीय प्रान्त संघचालक डॉ. प्रकाश जी शास्त्री द्वारा भूमि सुपोषण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ

\"\"

वर्तमान में हमारे देश में भूमि की स्थिति चिंताजनक है भारत सरकार के एक सर्वेक्षण के अनुसार हमारे कुल भौगोलिक क्षेत्र की 30% भूमि अवनत है अत्यंत शीघ्रता से हमें भूमि सुपोषण एवं संरक्षण संकल्पना प्रत्यक्ष धरातल पर कार्यान्वित करनी होगी यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत के माननीय प्रांत संघचालक प्रकाश जी शास्त्री कृषि वैज्ञानिक ने अपने उद्बोधन में कहा आपने कहा कि सदियों से भारत एक समृद्धि संपन्न पर्यावरण प्रेमी राष्ट्र रहा है भारतीय दृष्टिकोण एकात्मक विश्व दृष्टि से विश्वास रखता है भारतीय दृष्टिकोण के अनुसार संपूर्ण सृष्टि प्रकृति और पर्यावरण के मध्य अविभाज्य संबंध पाया जाता है, गत 200 वर्ष के कालखंड में भूमि के प्रति दृष्टिकोण में ना भूतो ना भविष्यति बदलाव आया है सामान्य स्तर पर यह धारणा बनाई गई है कि भूमि एक आर्थिक स्त्रोत है, जिससे ज्यादा से ज्यादा उत्पादन निकालना है !परिणाम तोह भूमि माता का शोषण प्रारंभ हुआ वर्तमान में हमारी भूमि चिंताजनक स्थिति में है, राष्ट्रीय स्तर पर 96.40 दशलक्ष हेक्टेयर भूमि अवनत है ,जो हमारे कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 30% है मिट्टी की ऊपरी परत के क्षरण की वार्षिक गति 15 .35 टन प्रति हेक्टेयर है! अभी उचित समय है कि हम भारतीय कृषि चिंतन को एवं भूमि सुपोषण संकल्पना को यथोचित रूप में स्वीकार करें हमें निर्धारित करना है ,कि वर्तमान में चल रहा भूमि का शोषण मात्र रोकना ही नहीं बदलना है भूमि सुपोषण के संकल्प में मात्र कृषकों का योगदान रहेगा यह अपेक्षा अनुचित है ,भूमि सुपोषण हमारे राष्ट्र के सभी नागरिकों का कर्तव्य है अतः हमें पूरे मालवा प्रांत में भूमि सुपोषण के कार्यक्रम को ग्राम ग्राम के अनुसार अधिकाधिक ग्रामों में भूमि सुपोषण कार्यक्रम का आयोजन करना है, प्राकृतिक परंपरागत पद्धति वार भूमि को सुपोषित रखने वाले जैविक खाद का इस्तेमाल करना और करवाना है कार्यक्रम में श्रीमान शंभू प्रसाद गिरी मालवा प्रांत प्रांत कार्यवाह, श्री नवल जी प्रांत टोली सदस्य ग्राम विकास मालवा प्रांत एवं श्री नवलसिंह जी चौहान माननीय संघचालक माकड़ोन खंड उपस्थित थे।

\"\"
\"\"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *