संघ कार्य एक लाख स्थानों तक ले जाने का लक्ष्य – सुनील आंबेकर

11 मार्च से कर्णावती में प्रारंभ होगी प्रतिनिधि सभा की बैठकराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर जी ने आज पत्रकार परिषद् को सम्बोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन इस वर्ष 11 से 13 मार्च, 2022 के बीच गुजरात के कर्णावती में हो रहा है. संघ में अलग अलग प्रकार की बैठकें होती हैं. उनमें सबसे बड़ी एवं निर्णय की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण बैठक प्रतिनिधि सभा रहती है. पूर्व में प्रतिनिधि सभा नागपुर में ही होती थी, नागपुर से बाहर पहली बार प्रतिनिधि सभा 1988 में गुजरात के राजकोट में ही हुई थी. इस बार प्रतिनिधि सभा में १२४८ प्रतिनिधि अपेक्षित हैं. पूजनीय सरसंघचालक जी के मार्गदर्शन में सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी होसबाले बैठक का सञ्चालन करेंगे. बैठक में चयनित प्रतिनिधि, प्रान्त संघचालक, प्रान्त कार्यवाह एवं विविध संगठनों के प्रतिनिधि अपेक्षित रहते हैं. इस बार 36 संगठनों के संगठन मंत्री एवं प्रतिनिधि अपेक्षित हैं. इस बैठक में प्रतिवर्ष के कार्य के बारे में योजना बनायी जाती है तथा गत वर्ष की समीक्षा होती है. सरकार्यवाह संघ कार्य एवं प्रांतों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हैं. 2025 में संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस अवसर पर अपने-अपने प्रांतों में जो योजना बनाई गई है, उसका निवेदन एवं चर्चा इस बैठक में होगी. संघ कार्य के संख्यात्मक आंकड़े प्रान्त अनुसार प्रस्तुत किये जाएंगे. संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ कार्य एक लाख स्थानों तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर विभिन्न प्रांतों द्वारा जो आयोजन किया गया है, उसकी भी चर्चा इस बैठक में होगी. स्वाधीनता के अनेक ऐसे वीर जिनके बारे में विशेष जानकारी नहीं है, वह जानकारी समाज को देने का प्रयास किया जाएगा. इसके आलावा ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार द्वारा स्व-निर्भरता कैसे पा सकते हैं, इस बारे में भी कई उपक्रम संघ ने प्रारम्भ किये हैं.संघ समाज में समरसता, पर्यावरण, परिवार प्रबोधन अदि विषयों पर अनेक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. जिसके विषय में बैठक में चर्चा होगी और आगे की दिशा तय की जाएगी. पत्रकार परिषद् में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार जी, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख अलोक कुमार जी तथा गुजरात के सह प्रान्त कार्यवाह डॉ. सुनिल भाई बोरिसा उपस्थित रहे. सञ्चालन डॉ. शिरीष काशीकर ने किया.

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