हिंदू विरोधी नरेटिव के पिछे सुर्खियां में आने ओर बड़े ओहदे की चाह
जयपुर के गलता जी तीर्थ पहाड़ियों पर स्थित आमागढ़ किले पर कांग्रेस विधायक रामकेश का हिंदू विरोधी एजेंडा असल मे घटिया राजनीतिक महत्वाकांक्षा का परिणाम है. 21 जुलाई 2021 को जय श्री राम लिखे पवित्र भगवा ध्वज से जो अपमानजनक कृत्य किया गया वह न सिर्फ कांग्रेस विधायक की हिंदुओं के प्रति घृणित सोच का परिचयक है बल्कि इसके पीछे राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को खुश करने और गहलोत सरकार में मंत्री बनने की चाह में ही रामकेश हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम कर रहे है. सूबे में चर्चा है कि कांग्रेस विधायक अपनी लोकेषणा को पूरी करने के चक्कर में पूरे धर्मनिष्ठ मीणा समाज को हिंदू धर्म से दूर करने के षड़यंत्र में टूल की भूमिका निभा रहे है.
क्रिप्टो क्रिश्चियन विचारधारा के पोषक रामकेश
कांग्रेस विधायक रामकेश जो स्वयं को आदिवासी नेता बोलते है असल मे आदिवासियत से कोसो दूर ओर क्रिप्टो क्रिश्चियन विचारधारा के ज्यादा निकट है. असल मे राजस्थान सहित पूरे देश मे आदिवसियों के बीच अपनी पहचान और धर्म को लेकर मिशनरियों के साथ ही लेफ्ट लिब्रल्स द्वारा एक खास तरह का नरेटिव चलाया जा रहा है. रामकेश के कृत्य ओर बयान उसी भ्रम फैलाने वाले नरेटिव से प्रभावित प्रतीत होते है. इसी साल मार्च में ईसाई मिशनरियों द्वारा जयपुर में आदिवासी सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमे आदिवासी तो नाममात्र के लेकिन ईसाई और मुस्लिम बढ़ी संख्या में उपस्थित हुए. इस तथाकथित अदिवासी सम्मेलन में रामकेश ने मीणाओं के हिंदू होने पर सवाल उठा दिया ओर फिर विधायक रफीक खान ने भी मीणा समाज को लेकर इसी तरह का बयान दिया.
क्या है अंबागढ़ किले का पूरा विवाद
5 जून को किले पर स्थित प्राचीन शिवलिंग ओर शिव परिवार की सभी प्रतिमाओं को दुर्भावना से खंडित किया गया था. स्थानीय लोगो के बयानों के आधार पर कांग्रेस विधायक रफीक खान के नजदीकी छः लोगों के विरुद्ध एफआईआर हुई. हालांकि लोगो का यह भी कहना है कि यह कृत्य विधायक के इशारे पर ही किया गया है. इसके पश्चात सर्वसमाज के लोगों द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और एक भव्य भगवा ध्वज स्थापित किया गया. यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें मीणा समाज के लोगों ने बढ़चढ़ कर सहभागिता की. इसके बाद 21 जुलाई को कांग्रेस विधायक के द्वारा जो घृणित कार्य किया गया वो जगजाहिर है.
अंबागढ़ किला ओर मीणाओं का इतिहास
अंबागढ़ किला पर नांडला (बडगोती) गोत्र के मीणा राजाओं ने राज किया ओर पहाड़ी पर स्थित आंबा माता उनकी कुलदेवी है. यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नांडला राजाओं का राजकीय ध्वज भी यही भगवा ध्वज रहा है और जिस शिव मंदिर को अल्पसंख्यक समुदाय के जिहादियों द्वारा खंडित किया गया है उसे नांडला गोत्र के द्वारा ही स्थापित किया गया था. ब्रिटिश काल में शिव मंदिर जीर्णशीर्ण हो गया तब पुनः मीणाओं ने ही उसका जीर्णोद्धार करवाया था. वर्तमान में सम्पूर्ण क्षेत्र शासकीय अधिपत्य में है. यहां से इस तरह पारंपरिक ध्वज को हटाना किसी नेता या जनप्रतिनिधि के अधिकार क्षेत्र में नही है और दुसरो की धर्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला गैरकानूनी कृत्य भी है. यदि किसी को कोई आपत्ति थी भी तो वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार ध्वज को शासकीय अभिकरण के माध्यम से उतरवाना चाहिए था न कि अपमानजनक तरीके से.
मीणा समाज स्वयं ही कर रहा रामकेश का बहिष्कार
कांग्रेस विधायक ने मीणाओं को लामबंद कर खुद को मीणाओं के सबसे बड़े नेता के रूप में पेश कर कांग्रेस में अपनी जगह मजबूत करने की टोह में यह सब किया लेकिन यह कदम उल्टा ही पड़ गया. मीणा समाज भगवान शिव और भगवा ध्वज में गहरी आस्था रखता है और रामकेश के धर्म विरोधी कृत्यों से आहत है. सोश्यल मिडिया पर अनेक मीणाओं ने रामकेश की हरकत को मीणा समाज के लिए शर्मिंदगी भरा बताया. एक मीणा छात्र में अपने सोश्यल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि मीणाओं के वास्तविक इतिहास से अनभिज्ञ कांग्रेस विधायक उनकी ही परंपरा के पवित्र भगवा ध्वज को निकालने पहुच गया, यह इनके मानसिक दिवालियापन का प्रमाण है. रामकेश के विरुद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने में भी सर्वसमाज के साथ मीणा समाज के लोग प्रमुखता से आगे रहे. अखिल भारतीय मीणा संघ आदी संघठन तो खुल कर सामने आ गए है. 3 साल पहले भी मीणा समाज के युवाओं ने रामकेश को दौड़ा-दौड़ा कर थप्पड़ ओर लाठियों से लाल-पिला किया था जिसका वीडियों भी खूब वायरल हुआ था.
- डॉ. उत्तम मोहन मीणा (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार है)