एक तरफ जहां शहर में मुक्तिधामो में कोरोना के कारण शरीर को मुखाग्नि देने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ रहा है, वही एक और कुछ समाजसेवी समाज में नए उदाहरण भी गढ़ रहे हैं।
आज एक ऐसी घटना देवास नाका के समीप पिपलिया कुमार गांव में घटी जहां संघ के दो स्वयंसेवक रोहित सिरतुरे व किशोर पटेल ने अनजान वृद्धा की अंत्येष्टि की।
संघ के महेश चौधरी को सूचना मिली की शिव वाटिका में सक्सेना का पूरा परिवार कोरोना से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती है और परिवार की 93 वर्षीय सदस्या उर्मिला सक्सेना की अचानक मृत्यु हो गयी है एवं परिवार में से कोई भी व्यक्ति मुखाग्नि देने के लिए समर्थ नहीं हैं, ना ही उनके परिवार का कोई करीबी यहां इंदौर में हैं। ऐसे विकट समय में उन्होंने किशोर पटेल व रोहित सिरतुरे से संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत कहा, \”हम बेटे है तो सही उस माँ के-हम देंगे मुखाग्नि।\”
इसके पश्चात एक घण्टे मे गांव के लड़कों की मदद से दोनों ने कंडों की व्यवस्था कराकर विधिवत माताजी का अंतिम संस्कार किया जिसका लाइव वीडियो भी परिजनों को दिखाया ।
आपको बता दें कि उर्मिला सक्सेना की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिसके चलते उनका अंतिम संस्कार पिपल्याकुमार गांव के मुक्तिधाम में होना सम्भव हुआ।
किशोर और रोहित ने अपने खुद के व्यय से व्यवस्था जुटा कर इस पावन कार्य को पूर्ण किया।
आज इन दोनों ने समाज को एक नई दिशा व दृष्टि देने का कार्य किया हैं।