झाबुआ के वड़लीपाड़ा पंचायत भामल में जनजाति विकास मंच एवं हिन्दू युवा जनजाति संगठन के बैनर तले आदिवासियों की हक़ और अधिकार की आवाज बुलंद की गई, जिसके तहत आदिवासियों ने प्रदर्शन कर उचित मुआवजे की मांग की है।
दिल्ली से मुंबई तक 8 लेन एक्सप्रेस वे बनना है, सड़क की चौड़ाई 100 मीटर रहेगी..तो वही आदिवासी अंचल झाबुआ जिले से भी करीब 48 किमी का एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है…लिहाजा झाबुआ जिले में सड़क के लिए थांदला व मेघनगर तहसील के 21 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है लेकिन आदिवासियों को अब तक मुआवजे का इंतजार है..कोरोना के चलते इन आदिवासियों ने आंदोलन रद्द कर दिया था लेकिन अब एक बार फिर मुआबजे की मांग तेज हो गई है…इसी कड़ी में झाबुआ जिले के वड़लीपाड़ा , पंचायत भामल तहसील थांदला में निर्माणाधीन मार्ग पर सांकेतिक प्रदर्शन कर उचित मुआवजे की मांग की है…जनजाति विकास मंच एवं हिन्दू युवा जनजाति संगठन से जुड़े समाजसेवी कैलाश अमलियार, रामचंद्र कटारा, लक्ष्मण डामोर, कमल डामोर समेत कई आदिवासी युवा मौजूद रहे।
हाथों में वन्देमातरम, भारत माता की जय की तख्तियां ले कर खड़े इन आदिवासियों की मांग है की पीढ़ियों से इन जमीनों पर वो खेती करते हुए आये है, जबकि अधिकारी सरकारी जमीन बता कर अपने कर्त्तव्य से इति श्री कर रहे है, ऐसे में आदिवासियों ने दावा किया है यह जमीन उनकी है, उन्हें एक्सप्रेस हाईवे से कोई समस्या नहीं बशर्त सरकार उन्हें उचित मुआवजा दें….अन्यथा उन्हें उग्र आंदोलन का रुख अख्तियार करना होगा।