आजकल कुछ लोग कहते हैं कि देश में आपातकाल की स्थिति बनी हुई हैं ,या तो वे ये वो लोग है जिन्होंने आपातकाल की विभीषिका नहीं देखी या तो ये उस आपातकाल के सहभागी रहें हैं ,जो लोग कहते हैं आज मीडिया पर सरकार का नियंत्रण हैं ,उन्हें इंदिरा के शासनकाल को देखना चाहिए। मैं रात को अपने घर पर गया और आपातकाल की रात्रि १२ बजे सभी मीडिया संस्थानों के कार्यालयों की लाइट बंद कर दी गई इसलिए २६ को अखबार नहीं छपे ,२७ को अखबार छपें। उसके बाद पत्रकारों को २० सूत्रीय सशर्त पत्र पर हस्ताक्षर करने पड़ते थे ,अन्यथा नौकरी से बाहर निकाल दिया जाता था ,समाचार पत्रों में पुलिस द्वारा दी जा रही यातनाओ को नहीं बताया जा सकता था ,सम्पादको को सीधे बैठक बुलाकर निर्देश दिया गया कि सरकार विरोधी कोई भी खबर नहीं चलना चाहिए ,देश में आपातकाल के समय देश में लगभग 500 जिले थे सभी जिलों के कलेक्टर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस करते थे बीच के सभी तंत्र को समाप्त कर दिया गया। आज अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर जो भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाते हैं और इस खबर पर पैनल डिस्कशन करते हैं और कहते हैं कि मीडिया में इमरजेंसी जैसे हालत हैं उनकी इस बात सुनकर हंसी आती हैं उक्त विचार वरिष्ठ पत्रकार रमेश जी शर्मा ने विश्व संवाद केंद्र मालवा और दैनिक स्वदेश इंदौर के संयुक्त कार्यक्रम आपातकाल -मीडिया कल आज और कल विषय पर सम्बोधित करते हुए प्रस्तुत किये ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष व स्वदेश के पूर्व प्रबंध सम्पादक कृष्णकुमार अष्ठाना जी ने कहा कि मैं उन कुछ लोगो में हूँ जिनका आपातकाल का पूरा समय जेल में रहकर बीता। स्वदेश के सभी पत्रकार जेलों में बंद कर दिए गए। सरकार कि स्तुति करने वाले अखबार ही चल रहें थे। आपातकाल में मेरे कई परिचितों कि नौकरी चली गई ,कई लोग आज भी उस दुःख को भोग रहें हैं ,कई देशभक्तो कि जेल में ही मृत्यु हो गई ,उनके दुःख कि कोई सीमा नहीं हैं , अष्ठाना जी कि आपातकालीन स्मृतियों को सुनकर वेबिनार में उपस्थित प्रत्येक श्रोता भावुक हो गए ।
प्रस्तावना व भूमिका स्वदेश के पूर्व सम्पादक व विश्व संवाद केंद्र के वर्तमान अध्यक्ष श्री दिनेश जी गुप्ता ने रखी। परिचय श्री महेश तिवारी, संचालक स्वदेश ने करवाया। कार्यक्रम में श्री शर्मा ने उपस्थित श्रोताओ के प्रश्नो के संतुष्टिपूर्वक उत्तर भी दिए। आभार प्रदर्शन विवेक गोरे जी ने किया। कार्यक्रम में मालवा के सभी वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित रहे।