रंग लाई स्वयंसेवकों की मेहनत, गुजरात से भटके नवयुवक को घरवालों से मिलाया

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मानसिक रूप से कमजोर 16 वर्ष का एक युवा जो गुजरात के देवगढ़ बारिया में रहता है, वो अपने गांव के ही कुछ लोगों के साथ मजदूरी करता था। एक दिन अचानक युवक भटक गया और गुजरात के दाहोद शहर से होते हुए पहले झाबुआ और फिर पारा पहुंच गया। युवक को सबसे पहले पारा में देखने वाले स्वयंसेवक कुणाल राठौड़ ने बताया कि ये लड़का पिछले करीब 4 माह से पारा में दिखाई दे रहा है और बस स्टैंड के नीचे बने एक यात्री प्रतिक्षालय में ही अपने दिन और रात गुजार रहा था। बिना नहाया हुआ यह लड़का पहले तो विक्षिप्त अवस्था मे दिखाई दिया तो इस पर किसी ने ध्यान नही दिया। लेकिन कोरोना कर्फ्यू के दौरान जब कुणाल की नज़र इस लड़के पर पड़ी तो इसकी हालात काफी खराब हो चुकी थी। ऐसे में कुणाल ने पत्रकार राजा को यह बात बताई और फिर राजा ने पारा के संघ प्रमुख उमेश सेतन को खबर दी। सेतन ने पहले स्वयं जाकर युवक की हालत देखी फिर पारा के कोरोना वॉरियर डॉ डोडवे को इलाज हेतु बुलवाया। पारा के यात्री प्रतीक्षालय में विक्षिप्त अवस्था मे रह रहे अरविंद का संघ के कार्यकर्तायों ने पहले तो इलाज सुनिश्चित किया इसके बाद उसको नहलाने से लेकर उसकी दाढ़ी कटिंग का भी ख्याल रखा। अरविंद को नए कपड़े पहनाकर स्वयं सेवकों ने मानो उसका रूप ही बदल दिया। डॉ डोडवा के इलाज के बाद युवा की तबियत लगातार ठीक होती चली गई।

वहीं संघ के अन्य स्वयंसेवक लगातार उसका ध्यान रखने लगे। लड़के का ख्याल रखने के साथ – साथ स्वयं सेवकों ने अरविंद से बातचीत कर उसके घर की जानकारी ली और फिर ग्राम रिचोरी देवगढ बारिया (गुजरात) में संघ के लोगो से अरविंद की जानकारी साझा की। वहां भी संघ सक्रिय हुआ और 2 दिनों में ही अरविन्द के परिजनों का पता लगा कर उसके बारे में जानकारी दी। और फिर शुक्रवार को अरविंद के पिता और परिवार उसको लेने पारा आये। पारा के नवापाडा स्थित श्री इच्छापूर्ण हनुमान मंदिर पर पारा चौकी प्रभारी श्याम कुमावत की उपस्थिति में संघ के कार्यकर्ताओं ने अरविंद को उसके पिता और बाकी लोगो के सुपुर्द किया। जब अरविंद वापस अपने परिवार के साथ जा रहा था तो उसके आंसू नही रुक रहे थे वहीं संघ के उमेश भी भावुक दिखाई दिए।

लड़के के पिता मगन पटेल ने पारा संघ के सभी स्वयं सेवकों के प्रति आभार जताते कहा कि आप लोगों के कारण आज मुझे अपना खोया हुआ बेटा मिल गया है और आपकी सेवाएं और कार्य निश्चित ही अनुकरणीय हैं। पारा चौकी प्रभारी ने भी कहा कि मैने भी इस युवा की स्थिति देखी थी पर जब से स्वयंसेवक इसकी सेवा कर रहे हैं और लड़के को घर पहुचाने के लिए प्रतिबद्ध थे वो वाकई में प्रशंसनीय है।

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पारा के संघ प्रमुख उमेश सेतन ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ न केवल पूरे देश के प्रति बल्कि हर भारतीय के प्रति मानवीयता का दृष्टिकोण रखता है। जात-पात से ऊपर उठ कर कोरोना काल मे भी संघ पूरे देश भर में विभिन्न कार्यों से अपनी सेवा दे रहा है।

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