समाज की विघटनकारी प्रवृत्तियों का दमन करने के लिए हमारे मठ-मंदिर प्रेरक
मालवा के मठ मंन्दिरों से सम्पूर्ण भारत के लाखों लाख मठ मंन्दिरों के लिए समरसता का आह्वान किया गया। समाज की विघटनकारी प्रवृत्तियाँ जो कि हिन्दू समाज को जात-पात और भेदभाव के नाम पर षड्यंतपूर्वक तोड़ने का प्रयास करती है, ऐसे धर्मविरोधी तत्वों की चुनौती को हमारे मठ मन्दिर के माध्यम से समाप्त करेंगे।उक्त विचार अखिल भारतीय गोस्वामी महासभा दशनाम परंपरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत श्री सच्चिदानंदगिरी जी महाराज ने व्यक्त किये।
गोस्वामी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष महंत निलेश भारती ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेशभर शिवालयों पर आदिगुरू शंकराचार्य एकात्मता महाजाप एवं महारुद्राभिषेक अनुष्ठान संपन्न हुए।
आदिगुरू शंकराचार्य के एकात्मता के संदेश का दशनाम परंपरा के लाखों लाख पुजारी तथा महंत मठ मंदिरो पर पुजन अर्चन करते हुए सम्पूर्ण हिन्दू समाज मे देते हैं। आदिगुरू शंकराचार्यजी महाराज की इसी परंपरा को प्रदेश के मठ मन्दिरो पर सैकड़ों स्थानों पर अनुष्ठानों के माध्यम से पहुंचाने का पुनीत कार्य संपन्न हुआ। सोमनाथ महादेव मठ सागोर तथा देवल मठ दिग्ठान धार पर दशनाम परंपरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत आह्वान किया।
कार्यक्रम में सेवा भारती के सहित समाज के प्रबुद्ध जन शामिल हुए।