हिजाब की आड़ में स्कूलों को राजनीति का अखाड़ा ना बनाया जाए -: माला ठाकुर

स्कूल शिक्षा का मंदिर है वह किसी धर्म की व्यक्तिगत संस्था नहीं है इसलिए विद्यालयों में एक प्रकार का गणवेश होना अनिवार्य है मुझे स्मरण हैं जब हम विद्यालय में अध्ययन करते थे उस समय भी एक ही प्रकार की गणवेश होती थी जिसके कारण सभी विद्यार्थियों के मध्य समानता और एकता का भाव रहता था । लेकिन देश के कुछ राज्यों में चुनाव होने के कारण और वहां पर मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने के लिए हिजाब का विषय कुछ राजनीतिक दलों , कुछ राष्ट्र विरोधी संस्थाओं द्वारा मिलकर उठाया जा रहा है दुर्भाग्य है कि प्रियंका गांधी जैसी कांग्रेस की बड़ी नेत्री भी शर्मनाक बयान दे रही है। हिजाब पहनने का अधिकार तो होना चाहिए लेकिन मुस्लिम लड़कियों पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा इसे थोपा जा रहा है, यह उसी प्रकार हैं जैसे तीन तलाक विरोधी कानून बनने से पहले मुस्लिम महिलाओं के ऊपर तीन तलाक थोपा जा रहा था उक्त विचार सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती माला सिंह ठाकुर ने विश्व संवाद केंद्र मालवा एवं विद्यादन फाउंडेशन द्वारा आयोजित संवाद मंथन के हिजाब शरिया या शिक्षा विषय पर आयोजित वेबीनार में प्रस्तुत किए ।

विश्व संवाद केंद्र मालवा जो कि समसामायिक एवं स्थापित विषय पर समाज में सदविचारों का प्रचार प्रसार करता है तथा विद्यादान फाउंडेशन जो कि शिक्षा के क्षेत्र में समाज कार्य करता है इन दोनों के संयुक्त तत्वाधान में संवाद मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया इस आयोजन में प्रस्तावना मानसी जैन में रखी तथा कार्यक्रम के पश्चात आभार प्रदर्शन विद्यादान फाउंडेशन के शतानंद चौबे ने प्रकट किया कार्यक्रम में 200 से अधिक श्रोता पूरे समय जुड़े रहे साथ ही विधि विषय के शिक्षार्थी व विशेषज्ञ के साथी विद्यादान फाउंडेशन के संस्थापक राकेश भदोरिया व गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे विश्व संवाद केंद्र मालवा तथा विद्यादान फाउंडेशन द्वारा भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम की योजना बनाई गई।

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