रांगोली के माध्यम से दिया समाज और शासन को सन्देश।
भोजशाला की मुक्ति एवं उसके गौरव की पुर्नस्थापना हेतु संकल्पित महाराजा भोज बसन्तोत्समिति धार लंदन मैं कैद माँ वाग्देवी की मुक्ति के लिए 1952 से संघर्षरत है। लाखो लोगो का सत्याग्रह, जिलाबदर, शहादत अनेको यातना के बाद भी आज भी धार की धार जरा भी कम न हुई है। आंदोलन के साथ साथ समाज के सांस्कृतिक जागरण व शासन को सन्देश देने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित होते है। उसी तारतम्य में समिति द्वारा दीवाली मिलन व रंगोली प्रतियोगिता रखी जिसमे 30000से अधिक धार वासी सम्मिलित गए। माँ की मुक्ति के संकल्प को स्मरण करा। 124 आकर्षक रंगोली बनी जिसमे विशेष रूप से भोजशाला परिसर में समिति द्वारा हर वर्ष 20*20 की बड़ी रंगोली जिससे समाज का सांस्कृतिक जागरण व भाजपा शासन को अपने वादों का आईना दिखया जाता है। इस वर्ष रंगोली की थीम में भोजशाला व मा वाग्देवी कीप्रतिकृति बनी है जो शासन व जेहादियो की कैद में दिखाया गया है।
रंगोली के द्वारा में समिति ने मेरा घर कैद में है हम बच्चे कैसे पर्व मनाये।मेरे बच्चे कब माँ को बेड़ी से मुक्ति करोगे कब अयोध्या,मथुरा,काशी का गौरव युक्त करोगे की मांग का सन्देश सोशल मीडिया में जमकर वायरल होते ही भोजशाला मुद्दा फिर से सुर्खियो में आ गया