महामारी ने बनाई दूरी, संघ स्वयंसेवकों ने बढ़ाए हाथ

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इन्दौर. कोरोना महामारी के कारण अभी देश-दुनिया संकट में है तथा विभिन्‍न प्रकार की दुखद घटनाओं एवं विकट स्थितियों का भी सामना करना पड़ रहा है। स्वयं अपने एवं अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए तीन वर्ष पूर्व नौकरी करने 1560 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के मगरा, हुगली जिले से इन्दौर आई श्रीमती सतिमा मण्डल कोरोना के प्रहार से जीवन के अंतिम समय में अपने परिवार के साथ नहीं रह सकीं |

श्रीमती सतिमा मण्डल विगत तीन-चार वर्षों से इन्दौर के टेलीफोन नगर निवासी 84 वर्षीय बुजुर्ग दम्पति श्री दिलीप कमार मुजुमदार एवं उनकी पत्नी की सेवा में घरेलू कार्य कर रही थीं। पन्द्रह दिन पूर्व श्रीमती सतिमा मण्डल एवं मुजुमदार दम्पति भी कोरोना से संकमित हो गए | तालाबंदी की भागदौड़ में आप तीनों जैसे-तैसे अपना कोरोना का ईलाज करवा रहे थे। 14 मई को श्रीमती सतिमा मण्डल का स्वास्थ्य अचानक अधिक बिगड़ गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मार्ग में ही ऐम्बुलेंस में वे इस दुनिया को छोड़कर चली गई। ऐसी परिस्थिति में वयोवृद्ध एवं कोरोना पीड़ित दम्पति को तत्काल कुछ भी समझ नहीं आया कि अब क्‍या करें ? इनके दिल्‍ली निवासी पुत्र श्री डेबलू मुजुमदार द्वारा तत्काल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रांत के अधिकारी श्री विनीत नवाथे से सम्पर्क किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि आप सभी निश्चित रहें प्रातःकाल अंतिम संस्कार तथा उत्तरकार्यों की व्यवस्था हो जाएगी।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रचना अनुसार प्रांत-विभाग-जिले से स्थानीय नगर तक तत्काल सूचनाएँ दी गईं। इन्दौर बद्रीनाथ जिला कार्यवाह श्री विकास मेड़तवाल एवं वीर सावरकर नगर के सह कार्यवाह श्री अनिल कौशल द्वारा स्थानीय स्वयंसेवकों को प्रात:काल अस्पताल पर एकत्रित होने की सूचना दी गई। तद्नुसार पूरे कोरोना काल में विभिन्‍न सेवाकार्यों में लगे स्वयंसेवक प्रातःकाल उपस्थित हुए |

अभी भी दिवंगत श्रीमती सतिमा मण्डल के हुगली, पश्चिम बंगाल निवासी परिजनों की अनुमति और सहभागिता का प्रश्न उठा, तो तत्काल उनकी दोनों बेटियों श्रीमती ज्योत्सना-सागर मण्डल एवं श्रीमती पायल-दीपू मण्डल से मुर्शीदाबाद और हुगली, दूरभाष पर सम्पर्क किया गया। परिस्थितियों की विवशता तथा स्थितियों को देखते हुए, उनकी बेटियों, परिजनों एवं स्थानीय संघ के स्वयंसेवकों के समन्वय से अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया। मण्डल एवं मुजुमदार परिवारों को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से अंतिम संस्कार के दर्शन कराए गए। संघ के स्थानीय ईकाई के स्वयंसेवकों द्वारा चिता को मुखाग्नि दी गई। इसके साथ ही परिजनों की इच्छा के अनुरूप आज उत्तराकार्य एवं पवित्र नर्मदा नदी में श्रीमती सतिमा मण्डल की अस्थियों का विसर्जन किया गया।

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