हमारा समाज स्वाभिमानी व स्वावलम्बी बने -श्री दीक्षित

“स्वाधीनता से स्वतन्त्रता की ओर” विषय पर व्याख्यान सम्पन्न।

मंदसौर। स्वतंत्रता के 75 वे वर्ष को पूरा देश अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है इसी क्रम में स्वराज्य का अमृत महोत्सव समिति द्वारा एक व्याख्यान माला का आयोजन गुरुवार 4 अगस्त को सायं 7 बजे नपा सभाग्रह में किया गया जिसमें मंचासीन अतिथि विकास आचार्य(मा.नगर संघचालक),अध्यक्ष जी.डी. सक्सेना (सेवा निवृत्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय) व मुख्यवक्ता विनय दीक्षित(प्रांत प्रचार प्रमुख मालवा प्रांत) थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा भारतमाता के चित्र पर माल्यापर्ण ,दिप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता विनय दीक्षित ने कहा कि हम स्वराज के 75वे वर्ष को अमृत महोत्सव के रुप में मना रहे है आने वाले 25 वर्षों में हम राष्ट्र को किस रूप में देखना चाहते है, ये समाज के प्रबुध्द, शिक्षित, युवा, मातृशक्ति सभी को मिलकर तय करना ओर उस दिशा में अग्रसर होने चाहिए, हमे इस देश को “स्व” के आधार पर आगे ले जाना होगा हमारा समाज स्वाभिमानी , स्वावलम्बी व स्वदेशी का अनुसरण करने वाला बने ऐसा प्रयास सभी ने सामूहिक मिलकर करना चाहिए, आज हर कोई हर क्षेत्र में कुछ नया कर रहा है कई किसान अपने गाँव मे जैविक कृषि कर रहा है उसका संकल्प है कि में अपने खेत मे जहर नही डालूंगा जैविक रूप से ही कृषि करूँगा, ओर ऐसे भी व्यक्ति इस देश मे है जो हमारी भाषा, संस्कृति, शिक्षा को लेकर समाज मे कार्य कर रहे है, ऐसा करके ये सभी समाज मे स्वस्थ वातावरण निर्मित करने का प्रयास कर रहे है वो हमारे लिए आदर्श है हमारे द्वारा उनको प्रोत्साहित करना चाहिए।


हमारे देश मे स्त्री को पूज्यनीय माना गया है शास्त्रो में भी लिखा है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता” अर्थात जहां नारियो की पूजा होती है वहां देवता वास करते है और वैसे भी आज के परिदृश्य में बहिने व माताएं हर क्षेत्र में पुरुषों के समकक्ष कार्य कर अपने देश व परिवार को गौरवान्वित कर रही है हमे हमारी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए हमारी जो वैदिक भाषा संस्कृत को भी हमारे दैनिक जीवन मे उपयोग करना चाइये भाषा आप चाहे जो भी बोले परन्तु मातृभाषा को हमे प्रथम स्थान पर रखना चाहिये व हमारे दैनिक जीवन मे उसका उपयोग करना चाहिए कोई भी अन्य भाषा हमारी मातृभाषा से बड़ी नही हो सकती। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री सक्सेना ने भी अपने विचार रखे कार्यक्रम में अतिथि परिचय डॉ विक्रांत भावसार ने कराया व अतिथियों का स्वागत डॉ प्रमोद सेठिया,डॉ रविन्द्र सोहनी,श्याम मीणा ने किया कार्यक्रम में एकलगीत नरेंद्र त्रिवेदी ने गाया कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक,प्रबुद्धजन,मातृशक्ति,पत्रकारगण,सहित अनेक सामान्यजन उपस्थित थे कार्यक्रम का संचानल नरेंद्र त्रिवेदी ने किया व आभार योगेश शोत्रिय ने माना।

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