मालवा प्रान्त के 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष विद्यार्थी सम्पन्न

संघ का प्रत्येक कार्यक्रम व प्रशिक्षण समाज का संगठित रूप है , हम सब संघ है -प्रान्त सह कार्यवाह

व्यक्ति निर्माण व लोकसंस्कार का एक अनूठा उदाहरण है। 1925 में जब डॉ हेडगेवार ने संघ प्रारंभ किया तब की स्थिति वह आज की स्थिति में ज्यादा अंतर नहीं है। डॉ हेडगेवार जी ने शाखा पद्धति और संघ के स्वयंसेवकों ने जो अलग-अलग संगठन व प्रकल्प प्रारंभ किये उनके परिणाम भी हमें दिखाई देने लगे हैं। डॉ हेडगेवार क्रांतिकारीयो से व कांग्रेस भी जुड़े हुए थे आजादी के आंदोलनों में व सत्याग्रह में भी लगे हुए थे डॉक्टर साहब सभी प्रकार के राष्ट्रीय जन जागरण व भारतीय स्वतंत्रता के लिए जो प्रयास थे ,सभी प्रयासों में सहभागी रहे ।

जब संघ की स्थापना की तब हिंदू समाज को लोग कहते थे कि हिंदू समाज कभी संगठित नहीं हो सकता आज परिस्थितियां बदली है।
मैकाले शिक्षा पद्धति ने भ्रम फैलाया कि भारत कभी एक देश नहीं था यह तो कई राज्यों का समूह है जिसे अंग्रेजों ने एक सूत्र में बांधा ऐसा समाज का मानस बना दिया गया था। सेवा हिंदुओं के संस्कार नहीं ,सेवा सिर्फ ईसाई मिशनरी कर सकती हैं ऐसी ऐसी धारणाएं फैलाई गई जो झूठ साबित हुई है स्वामी विवेकानंद की बात को डॉक्टर हेडगेवार ने आगे बढ़ाया कहा गर्व से कहो हम हिंदू हैं भारत हिंदू राष्ट्र है कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी अटक से लेकर कटक तक हम सब हिंदू हैं।

भारतीय हिन्दू चिंतन भारतीय आयुर्वेद व भारतीय जीवन दर्शन को दुनिया स्वीकार करने लग गई है हिंदू समाज ने अनेक संघर्ष अनेक चुनौतियां अनेक समस्याओं का समाधान अपनी संगठित शक्ति से कर दिखाया है श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के परिणाम स्वरूप आज भगवान राम का मंदिर स्थापित हो रहा है हिंदू समाज मिलकर के अपने हित की जो बातें हैं उसे स्वीकार करवाने का भाव समाज में जागृत हो गया है मिशनरी या सेवा कार्य करती हैं तो कन्वर्जन करवाती है ।हिंदू समाज सेवा कार्य निस्वार्थ भाव से करता है हिंदू समाज के साथ मिलकर सेवा भारती के डेढ़ लाख सेवा कार्य संघ के स्वयंसेवक चला रहे हैं हिंदू समाज का परोपकार का भाव समाज जाने लगा है डॉ हेडगेवार जी ने कहा था कि संघ यानी शाखा , शाखा यानी हिंदू समाज का संगठन , उसी बात को श्री गुरु जी ने आगे बढ़ा कर कहा कि संघ कुछ करेगा नहीं और स्वयंसेवक कुछ छोड़ेगा नहीं संघ पुलिस फोर्स आर्मी नहीं है संघ समाज का संगठित रूप है हम सब मिलकर संघ है ।तथा प्रजा यथा राजा जैसी प्रजा होगी वैसा ही राजा होगा हम सब का सामूहिक सोच एक जैसा होगा तो श्रद्धा भी एक चलेगी और व्यवस्था भी ठीक चलेगी शासकीय प्रशासनिक दल व सामाजिक संगठन भी ठीक चलेंगे सरकार पर आश्रित समाज नही चाहिए । चुनौतियों का समाधान हमें स्वयं करने की आवश्यकता है हमें अमेरिका जैसा नहीं बनना है परम वैभव मतलब सभी सुखी हो सभी निरोगी हो कोई दुखी ना हो वसुदेव कुटुंबकम के संकल्प को हम सब मिलकर पूरा करेंगे ऐसा संकल्प लेकर चले।

यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रकट समापन समारोह में संघ के प्रांत सह कार्यवाह व मुख्य वक्ता विनीत नवाथे ने संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष में आये स्वयंसेवको को सम्बोधित करते हुए कही।इस अवसर पर मुख्य अतिथि परम् पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 अवधूत नर्मदानन्द बाप जी ने सम्बोधित करते हुए स्वयंसेवको को राष्ट्रभक्त बताया।


शक्ति का केंद्र बन रहा है भारत
संघ के दीक्षांत समारोह में प्रान्त सह प्रचारक राजमोहन सिंह ने कहा कि आज देश को हमारी आवश्यकता है शक्ति का केंद्र बदलकर भारत की ओर आ रहा है कुछ वर्षों में जो हम सपना लेकर चले थे वह पूर्ण होने की ओर है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 20 दिवसीय संघशिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष में शिक्षार्थियों ने दण्ड, नियुद्ध,यस्टि ,योग आदि के प्रयोग किये।


इस अवसर पर वर्गाधिकारी योगेंद्र भार्गव,वर्ग कार्यवाह सुनील बागुल,राजेन्द्र साद,प्रान्त शारिरिक शिक्षण प्रमुख कैलाश आंवले,प्रान्त प्रचारक बलिराम पटेल, वर्ग प्रबंध प्रमुख राधेश्याम जाट,विवेक भटोरे, अरुण जैन , मनीष नीम, रितनेश रघुवंशी के साथ बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।

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