विश्व संवाद केंद्र मालवा
राष्ट्रीय साहित्य विक्रय केंद्र
का शुभारंभ हुआ जिसमें
अध्यक्षता – श्री गोविंद जी राठौर
( माननीय खंड संघचालक )
मुख्य अतिथि – श्री विनय जी दीक्षित ( मालवा प्रान्त प्रचार प्रमुख ) की गरिमामय उपस्थिति में माँ सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ किया । शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री विनय जी द्वारा कहा गया कि पुस्तकें तीन पीढ़ियों को अपने ज्ञान से लाभान्वित करती है, समाज में वर्तमान समय में अध्ययन की प्रवृत्ति कम हुई है । हमारा सांस्कृतिक ऐतिहासिक एवं धार्मिक ज्ञान एवं परंपरा हम भलीभांति तरह से समझना और जानना चाहते हैं, तो हमें अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पुस्तकों का अध्ययन आवश्यक रूप से करना चाहिए । स्वाध्याय हमारी जीवन शैली में रचना बसना चाहिए, हम वास्तविक चीजों को तभी समझ सकते हैं, जब हम पुस्तकों का अध्ययन करेंगे । वर्तमान में सोशल मीडिया के माध्यम से कई सारे विषय ऐसे आते हैं, जो स्वीकार करने योग्य नहीं होते हैं । लेकिन हमें सत्यता का आभास नहीं होने के कारण हम कई सारे गलत विषयों को भी स्वीकार कर लेते हैं । यदि हम पुस्तकों का अध्ययन करेंगे तो हम सत्यता के निकट होंगे और हम गलत चीजों को ना स्वीकार करेंगे और ना उसे समाज के बीच मे पहुचने देंगे । कार्यक्रम मैं बड़ी संख्या में समाज बंधु एवं राष्ट्रीय साहित्य के पाठक उपस्थित थे