कन्हैया लाल ने बताया था- पड़ोसी नाजिम और उसके साथी कर रहे रेकी-बाँट रहे फोटो, पर पुलिस ने कहा- समझौता हो गया, अपना ध्यान रखो: उदयपुर में क्या, कब, कैसे हुआ

“मुझे पता चला है कि दुकान खुलते ही ये लोग मुझे जान से मारने की कोशिश करेंगे। नाजिम ने मेरा फोटो वायरल कर दिया है। सबसे कह दिया है कि ये व्यक्ति अगर कहीं रास्ते पर दिखे या दुकान पर आए तो इसे जान से मार देना।”

राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को इस्लामी दरिंदों ने कन्हैया लाल को काट डाला। इसकी आशंका उन्हें पहले से ही थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि दुकान खोलने पर उनकी हत्या की जा सकती है। इस डर से उन्होंने 6 दिन दुकान भी बंद रखी थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनका पड़ोसी नाजिम और उसके साथी उनकी रेकी कर रहे हैं। उनका फोटो अपने समाज के लोगों को भेज रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस की नींद नहीं टूटी। उसने कार्रवाई की बजाए एक समझौता कराकर खानापूर्ति कर ली। कन्हैया लाल से कहा कि समझौता हो गया है, अब बस अपना ध्यान रखना।

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) हवा सिंह घुमरिया के अनुसार 10 जून को कन्हैया लाल के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसमें कहा गया था कि पैगंबर मोहम्मद पर जो आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी उसे उसने आगे बढ़ाया है। इस शिकायत पर ऐक्शन लेते हुए उदयपुर पुलिस ने कन्हैया लाल को 11 जून को थाने में बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। हालाँकि, कन्हैया लाल को उसी दिन कोर्ट से जमानत मिल गई।

जमानत मिलने के बाद कन्हैया लाल को कट्टरपंथियों से धमकियाँ मिलने लगी। उन्हें अलग-अलग नंबरों से फोन और मैसेज के जरिए जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। घुमरिया ने भी पुष्टि की है कि खुद की जान पर खतरे को देखते हुए 15 जून को कन्हैया लाल ने शिकायत की थी। लेकिन कन्हैया को गिरफ्तार करने में देर ना करने वाली पुलिस ने धमकी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी। कार्रवाई के नाम पर कुछ लोगों को थाने में बुलाकर कथित समझौता करवा दिया गया। कन्हैया लाल को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। घुमरिया ने कहा है कि इस बात की जाँच की जाएगी कि समझौता होने के बाद ऐसी घटना क्यों घटी।

बताया जा रहा है कि कन्हैया लाल के मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया गया था। हालाँकि कन्हैया लाल के परिजनों का कहना है कि यह पोस्ट कन्हैया के 8 साल के मासूम बच्चे ने अनजाने में कर दिया था। 15 जून को दी शिकायत में भी कन्हैया ने इसके बारे में कहा था, “करीब 6 दिन पहले मेरे बेटे से मोबाइल पर गेम खेलते हुए कुछ पोस्ट हो गया था। इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। पोस्ट व डीपी लगाने के दो दिन बाद दो लोग मेरी दुकान पर आए। मोबाइल की माँग की। बोले- आपके मोबाइल से आपत्तिजनक पोस्ट डाली गई है। मैंने कहा कि मुझे मोबाइल चलाना नहीं आता है। मोबाइल से मेरा बच्चा गेम खेलता है। उसी से हो गया होगा। इसके बाद पोस्ट भी डिलीट कर दी गई थी। उन लोगों ने कहा कि आइंदा से ऐसा मत करना।”

कन्हैया लाल ने शिकायत में यह भी कहा था कि रिपोर्ट दर्ज कराने वाले उनके पड़ोसी नाजिम और उसके साथ 5 लोग उनकी दुकान के चक्कर लगा रहे थे। वो उन्हें दुकान नहीं खोलने दे रहे थे। इसमें कहा गया, “मुझे पता चला है कि दुकान खुलते ही ये लोग मुझे जान से मारने की कोशिश करेंगे। नाजिम ने मेरा फोटो वायरल कर दिया है। सबसे कह दिया है कि ये व्यक्ति अगर कहीं रास्ते पर दिखे या दुकान पर आए तो इसे जान से मार देना।” कन्हैया लाल ने नाजिम समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी। साथ ही सुरक्षा की माँग की थी।

28 जून को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद कपड़ा सिलवाने के बहाने से कन्हैया लाल की दुकान में घुसे थे। एक आरोपित वीडियो बनाता रहा, जबकि दूसरा अपना नाप देने लगा। कन्हैया नाप लेने में व्यस्त हो गए। फिर अचानक से आरोपितों ने उन पर हमला कर दिया। कन्हैया चीखते रहे लेकिन आरोपितों ने दबोच कर उनका सिर कलम कर दिया। खून से लथपथ कन्हैया ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

साभार:-ऑपइंडिया 

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