जोधपुर – हिंसा के पश्चात दस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

जोधपुर. राजस्थान के करौली जिले के बाद अब जोधपुर से हिंसक झड़प की खबर सामने आई है. रात में कुछ युवक चौराहे पर बालमुकुंद बिस्सा जी की मूर्ति पर लगे ध्वज को उतार कर इस्लामिक झंडा लगाने लगे. इसका लोगों ने विरोध किया तो मारपीट शुरू हो गई और पथराव होने लगा. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बीच-बचाव कर भीड़ को खदेड़ना शुरू किया. लेकिन भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है और घटना शहर के जालौरी गेट की है.

भीड़ को खदेड़ने में लगी पुलिस पर भी समुदाय की ओर से पथराव किया गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस कमिर्यों ने 4 मीडिया कर्मियों के साथ मारपीट की. इस पूरे मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

मंगलवार सुबह ईद की नमाज के बाद जालौरी गेट सर्किल पर ध्वज हटाने की बात को लेकर दो गुटों में फिर तनाव बढ़ा. भारी पुलिस बल तैनात है, इसके बावजूद भीतरी शहर अशांत है. दर्जनों गाड़ियां क्षतिग्रस्त की गईं. कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं. पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. महिलाओं से भी बदसलूकी की गई. कबूतर चौक से लेकर भीतर सुनारों का बास तक तनाव का माहौल है.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा के अनुसार, पुलिस आयुक्तालय ने शहर के जिला पूर्व और पश्चिम के पांच-पांच थाना क्षेत्रों उदयमंदिर, नागोरी गेट, सदर कोतवाली, सदर बाजार, सूरसागर, सरदारपुरा, खांडाफलसा, प्रतापनगर, देवनगर, प्रतापनगर सदर में कर्फ्यू लगा दिया है. शहर का अंदरूनी हिस्सा पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील है. पुलिस जालौरी गेट सर्किल से लेकर बंबा मोहल्ला तक रूट मार्च कर रही है. दोपहर में भीतरी शहर के कबूतरों का चौक, सुनारों का बास और घोड़ों का चौक में स्थिति तनावपूर्ण है.

कार्रवाई न हुई तो धरने पर बैठेंगे हजारों लोग

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सुबह की नमाज के तुरंत बाद कारों में तोड़फोड़ की गई, घरों पर पथराव किया गया, जोधपुर में महिलाओं का अपमान किया गया. इसे रोकने के लिए पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. राजस्थान में क़ानून व्यवस्था की हालत बदतर है. उनके (अशोक गहलोत) शहर को जब फूंका जा रहा था तो वे जन्मदिन की शुभकामनाएं और गुलदस्ते लेने में व्यस्त थे. हमने प्रशासन से कहा है कि अगर इस मामले में सही से कार्रवाई नहीं हुई तो हम जालौरी गेट पर धरना देंगे. वहां पर हम हज़ारों की संख्या में बैठेंगे. वहां बैठकर हम प्रशासन पर दबाव डालेंगे कि वे जोधपुर की शांति और भाईचारे को बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें.

जोधपुर की मेयर का बड़ा आरोप

जोधपुर पश्चिम की मेयर वनीता सेठ ने कहा कि “जालौरी गेट पर 11:30-12:00 बजे के करीब मुसलमान ईद के हिसाब से अपने झंडे लगा रहे थे. इससे पहले परशुराम जयंती थी, वहाँ उसके झंडे लगे हुए थे. पुलिस ने आकर कहा कि आज उनका त्योहार है, तो कुछ पत्रकारों ने और वहाँ के लोगों ने खुद से उन (भगवा) झंडों को हटा दिया. सिर्फ एक झंडा रहने दिया गया जो कि स्वतंत्रता सेनानी बिस्सा जी के ऊपर था.

रात को फिर मुसलमान लड़के आए तो उन्होंने बिस्सा जी की मूर्ति के ऊपर टेप चिपका दिया और अपना इस्लामी झंडा लगाने लगे. तब वहाँ दूसरे पक्ष ने मना किया कि बाकी जो करना है करो, लेकिन ये सब क्या कर रहे हो. इस पर उन लोगों ने पाकिस्तान के और अल्लाह-हू-अकबर नारे लगाए और सवाल पूछने पर पत्थरबाजी होने लगी. दूसरे पक्ष के लोग भी जुटे, लेकिन तभी मुस्लिम बस्ती से 200-300 लोग आ गए. पुलिस ने उन्हें हटाने की बजाय लाठी चार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हुए. इसके बाद बैरिकेडिंग की गई.”

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