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राजस्थान के सीकर जिले से जितेंद्र उर्फ़ राजू सैनी तीन साथियों के साथ 3 साल पहले एक होटल पर काम करने आया था। राजू सैनी की मुलाकात खंडवा की अमरीन से हुई। दोनों में पहले बातचीत हुई और बाद में प्यार हो गया। राजू और अमरीन ने शादी कर ली। शादी के बाद राजू सैनी अमरीन को ले कर सीकर स्थित अपने गाँव खण्डेल चला गया।
कुछ समय बाद अमरीन एक बेटी की माँ बन चुकी थी। पुलिस ने परिवार द्वारा अमरीन की गुमशुदगी की रिपोर्ट पर उसे खोजकर कोर्ट में पेश किया। अदालत में अमरीन ने खुद को बालिग बताते हुए राजू सैनी के ही साथ रहने की इच्छा जताई। कोर्ट ने भी दोनों को एक साथ रहने की अनुमति दे दी थी।
कुछ समय बाद अमरीन ने अपने मायके वालों से मिलने की इच्छा जताई। इस पर राजू सैनी ने उसे उसके मायके लाकर छोड़ दिया। थोड़े समय बाद जब राजू अपनी बेटी और बीवी को लेने ससुराल गया, तब उसे भगा दिया गया। राजू ने स्थानीय थाना पिपलौद में इसकी शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन उसकी गुहार पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बावजूद राजू लगभग 25 दिनों तक अपनी ससुराल सिंगोट के आसपास ही रहा। वह अपनी तरफ से अपनी बेटी और बीवी को वापस पाने की कोशिशें करता रहा।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार 13 मई को राजू अपनी ससुराल गया। यहाँ उसने अपनी बीवी और बेटी को साथ भेजने की माँग की। आरोप है कि राजू को उसकी सास मुन्नीबाई, ससुर मुमताज और साले ने बेरहमी से पीटा। इस पिटाई से राजू की हालात खराब हो गई। वह पिपलौद थाने पहुँचा जहाँ उसकी शिकायत फिर से नहीं सुनी गई। राजू को उसी दिन जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान मंगलवार (16 मई) को उसने दम तोड़ दिया। हिंदू जागरण मंच ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। खंडवा के SP सत्येंद्र कुमार के मुताबिक मृतक के सास, ससुर और साले के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जाँच की जा रही है। अब तक 2 आरोपितों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
वही हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता इस विषय पर सक्रिय हो गए है और अपराधियों के विरुद्ध कठिनतम कार्यवाही की मांग कर रहें है. वही मृतक के पिता ने कहा कि दोषियों के विरुद्ध कठिनतम कार्यवाही हो और उनके परिवार को न्याय मिलें