हिन्दू, आदिवासी, मूलनिवासी और आर्य सब एक ही होते हैं

\"\"

नमस्कार कल के वीडियो में जब मेने यह कहा की आदिवासी हिन्दू हैं ,हिन्दू आदिवासी हैं ,आदिवासी भारत का मूलनिवासी हैं ,तो कई संदेश व फ़ोन आये ,मुझसे कहा गया की में प्रमाण दूँ की मेने जो कहा हैं वही सही हैं. आज में इस बात को और आगे बढ़ाकर कह रहा हूँ और वह यह हैं की प्रत्येक आदिवासी, हिन्दू हैं ।प्रत्येक हिन्दू ,आदिवासी हैं ।आदिवासी ही हिन्दू हैं ,हिन्दू ही आदिवासी हैं ।हिन्दू ,मूलनिवासी हैं । मूलनिवासी हीं आदिवासी हैं ।
आदिवासी ही आर्य हैं और ,हिंदू ही आदिवासी हैं ।अर्थात जिस प्रकार गणित में a =b और b =c होता हैं तो a =c होता हैं उसी प्रकार हिन्दू ,आदिवासी ,मूलनिवासी ,आर्य और भारतीय ये सभी शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची हैं विरोधी नहीं , किन्तु विदेशो से आये पंथो ने सभी को आपस में बांटकर और मात्र एक पहचान के बंधन में जकड़कर भारत की सांस्कृतिक एकता को समाप्त कर फिर से परतंत्र करने की इच्छा से ये कुचक्र बुना हैं

आज में यही बताऊंगा की सब एक कैसे हैं ..तो आप समझिये कुछ लोगो ने आर्य ,तथाकथित अगड़ी जातियों को बता दिया {अगड़ी जाती शब्द का उपयोग में स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कर रहा हूँ अन्य किसी प्रकार की भावना से नहीं वीडियो में आगे भी ऐसे शब्दों का उपयोग में स्थिति की स्पष्टता के लिए ही करूंगा बुद्धिजीवी लोग ध्यान रखे } तो कुछ लोगो ने आर्य ,तथाकथित अगड़ी जातियों को बता दि और कहा की ये तो आक्रमणकारी थे ,ये अन्य आक्रांताओ की तरह ही पहाड़ो के उस पर से आये हैं और फिर इनके कुछ लोग भारत में रह गए और यहीं रच बस गए ,इस गलत विचार को स्थापित करने के लिए इन्होने पुस्तके लिखी ,झूठा इतिहास लिखा और उन स्थानों व स्थितियों तक के बारे में वर्णन किया जो वास्तविकता में इस धरती पर हो नहीं हैं ,क्रमबद्ध झूठा इतिहास लिखकर हिन्दुओ के एक वर्ग तक ,उनके मस्तिष्क तक पहुंचने का कार्य किया और कहा की ये लोग विदेशी हैं केवल आप ही यह के मूलनिवासी हैं ,इनसे लड़िये ये पराये हैं ,आपके तो हम हैं ऐसी बातें तक कही गई और विष घोलने का काम किया ,लेकिन सत्य क्या हैं सुनिए आर्य जातिवाचक शब्द नहीं हैं गुणवाचक शब्द हैं ,आर्य कोई जाती नहीं जो व्यक्ति अच्छा होता हैं ,जिसके आचरण अनुकरणीय होते हैं ,समाज में आदर्श होता हैं उसे आर्य कहा जाता हैं जैसे आपने टीवी में देखा होगा की पुराणकाल में सीताजी जी राम जी को आर्य कहकर बुलाती हैं और विदुर को कृष्ण जी आर्य कहकर सम्बोधित करते हैं अब आर्य शब्द का अर्थ जातियों से नहीं हैं विदुर दासीपुत्र हैं किन्तु कृष्णजी उनकी विद्व्त्ता के कारण उन्हें आर्य कहते हैं ,रामजी और विश्वामित्र ,महर्षि वाल्मीकि को आर्य बुलाते रहे हैं ये भी हमने देखा होगा केवल पुराणकाल नहीं इतिहास भी इस प्रकार के सम्बोधनों से भरा हुआ हैं , इसलिए आर्य शब्द जातिसूचक नहीं हैं गुणसूचक हैं यह समझ लीजिये ,और दुनिया में भारतीयों का चरित्र ,ज्ञान और व्यवहार अनुकरणीय रहा हैं तो दुनिया में उन्हें आर्य कहा जाता था

यह तो थी आर्य की बात अब समझते हैं मूलनिवासी और आदिवासी शब्द का अर्थ ,मूलनिवासी अर्थ से ही स्पष्ट हैं की जो देश का मूल निवासी हैं जो बाहर से नहीं आया वैसे ही आदिवासी शब्द का अर्थ भी वैसा ही हैं की जो आदिकाल से इस धरती पर रह रहा आदि का अर्थ हैं प्रारम्भ से यानी जिसके पुरखे यहीं के हैं तो इन दोनों संज्ञाओं के आधार पर बाँटने का कार्य चल रहा हैं जबकि यह संज्ञा शोभा हैं यहां के उल समाज की ,और यदि यह कहा जाता हैं की आर्य या हिन्दू ये आक्रांताओ की तरह दूसरी भूमि से ही आये हैं तो बताइये जिस प्रकार ईसाई पूरी दुनिया में हैं किन्तु उनकी श्रद्धा का केंद्र वेटिगं चर्च हैं ,जिस प्रकार ुस्लिम पूरी दुनिया में हैं किन्तु उनकी श्रद्धा का केंद्र मक्का मदीना हैं वैसे ही हिन्दुओ की कुल देवियां या कुल देवता वही होने थे जहा से ये आये किन्तु ऐसा नहीं हैं ,हिन्दुओ की कुल देवी कुल देवता तो सुदूर किसी जंगल या गाँव में स्थापित हैं ,इसका अर्थ स्पष्ट हैं की उस कुल का प्रारम्भ उसी वन से हुआ जो अब गाँव या शहर बन गया हैं ,इससे यह भी पता चलता हैं की सब वनवासी हैं ,और यदि हिन्दुओ का विदेश में कही श्रद्धा का केंद्र होता तो वे भी जिस प्रकार इजराइल के लोग येरुशलम को पाने के लिए तड़पे व संघर्ष किया वैसे करते ,किन्तु हिन्दुओ ने तो श्री राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया क्योकि उन्हें पता हैं की राम ही उनके पूर्वज हैं \”

इसलिए सभी वनवासी थे किन्तु अब जहा वनो के स्थान पर ग्राम बन गए हम उन्हें सुविधा के लिए ग्राम वासी व शहरों में रहने वाले को नगरवासी कह सकते हैं ,और ये सब आदिवासी हैं ,

इसका एक और पक्ष भी हैं आप देखेंगे जनजातियों में पूजन ,विवाह व अन्य धार्मिक पद्धतिया लगभग वैसी है हैं जैसी अन्य समाज में हैं एक जनजति जिसका नाम रामनामी जनजाति हैं इसका उदाहरण देखिये ,इस जनजाति में राम का नाम शरीर पर गुदने की परम्परा हैं और उसके कई प्रकार हैं जैसे शरीर के किसी भी हिस्से में रामनाम लिखवाने वाले को रामनामी ,माथे पर दो राम लिखवाने वाले को शिरोमणि ,पुरे माथे पर रामनाम लिखने वाले को शर्वांग रामनामी और पुरे शरीर पर राम नाम लिखने वाले को
नखसिख रामनामी कहा जाता हैं ,

एक बात और की हिन्दुओ को तोड़ने के लिए पूजा पद्धति का भी सहारा लिया गया और कहा की आप तो प्रकृति पूजक हो मूर्तिपूजक नहीं ,मूर्ति की पूजा पाखंड हैं ,जबकि वास्तविकता हैं की सभी हिन्दू प्रकृति के पूजक है पूजन विधियां अलग हो सकती हैं किन्तु सभी प्रकृति की पूजन करते हैं ,इसिलए तो नदियों को माता कहा जाता हैं और उनके किनारे पर ही हिन्दुओ के सभी तीर्थ स्थल हैं ,पूजन में फलो व पेड़ पॉवो का उपयोग भी इसीलिए होता हैं ,क्योकि शहरों में तो इनका मिलना ही कठिन होता है इसलिए इनके प्रति श्रद्धा स्पष्ट करने के लिए ही इनका उपयोग किया जाता हैं

तो हिन्दू ,आदिवासी ,वनवासी ,नगरवासी ,ग्रामवासी ,मूलनिवासी ,आर्य और भारतीय ये सभी एक दूसरे के पर्यायवाची हैं विरोधी नहीं इसलिए मेने पिछले वीडियो में इस शब्द का उपयोग किया था किंतु कुछ वर्ग जिनकी श्रद्धा भारत बाह्य है वे धर्म परिवर्तन के लिए इन शब्दों का गलत उपयोग करते हैं और भी अनेको बातें हैं जो इन सभी शब्दों के मध्य एकात्मता दर्शाते हैं किन्तु वीडियो बड़ा करने से कोई अर्थ नहीं ,

अगले वीडियो में संविधान इस विषय पर क्या कहता हैं समझेंगे
ह्यो सकता हैं वे लोग ओर वर्ग जिनकी श्र्द्धा भारत बाह्य यानी भारत से बाहर हैं उन्हें यह सत्य गले नही उतर रहा हो किंतु यही सत्य हैं और इन वर्गों के भरसक प्रयास ओर षड्यंत्र के बाद भी सत्य न ही परिवर्तित ह्यो सकता हैं और न ही छुप सकता हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

gaziantep escort bayangaziantep escortkayseri escortbakırköy escort şişli escort aksaray escort arnavutköy escort ataköy escort avcılar escort avcılar türbanlı escort avrupa yakası escort bağcılar escort bahçelievler escort bahçeşehir escort bakırköy escort başakşehir escort bayrampaşa escort beşiktaş escort beykent escort beylikdüzü escort beylikdüzü türbanlı escort beyoğlu escort büyükçekmece escort cevizlibağ escort çapa escort çatalca escort esenler escort esenyurt escort esenyurt türbanlı escort etiler escort eyüp escort fatih escort fındıkzade escort florya escort gaziosmanpaşa escort güneşli escort güngören escort halkalı escort ikitelli escort istanbul escort kağıthane escort kayaşehir escort küçükçekmece escort mecidiyeköy escort merter escort nişantaşı escort sarıyer escort sefaköy escort silivri escort sultangazi escort suriyeli escort şirinevler escort şişli escort taksim escort topkapı escort yenibosna escort zeytinburnu escort