
हिन्दू विरोधी कार्यों को प्राथमिकता में रखकर कार्य अनेक बार करते हुए देखे गए कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर पुलिस में धारा 153 ए, 295 ए, 465, 505 (2) के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। दिग्विजय सिंह के विरुद्ध धार्मिक उन्माद फैलाने की षडयंत्र कर प्रदेश में अस्थिरता लाने के लिए यह मामला पंजीबद्ध किया गया है।
खरगोन में श्री राम नवमी के अवसर पर शोभायात्रा पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हुए पथराव के बाद दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक फोटो ट्वीट किया था, जिसमें एक मस्जिद पर युवक मस्जिद पर उपर चढ़कर भगवा झंडा फहरा रहा था। उनका यह फोटो स्तिथि के अनुसार गलत पाया गया। जिसके बाद दिग्विविजय सिंह के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया।
दिग्विजय ने इस फोटो को खरगोन में भगवान राम की शोभायात्रा पर हुए पथराव से जोड़ते हुए ट्वीट में लिखा मंगलवार सुबह लिखा था कि क्या तलवार लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? या खरगोन प्रशासन ने हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हो सभी के घर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष होकर सरकार चलाने की शपथ ली है।
किसी और स्थान के फोटो का उपयोग करते हुए खरगोन में हुए घटना के बाद प्रदेश-देश में तैयार हुई स्तिथि के बाद इस प्रकार के ट्वीट करने वाले दिग्विजय सिंह से धार्मिक उन्माद फैलने की अपेक्षा थी. क्योंकि खरगोन में रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए पथराव में अनेक व्यक्ति और पुलिसकर्मी घायल होने के साथ वहां पर आगजनी तक की घटनाएं हुई थी।
ऐसे समय दिग्विजय सिंह द्वारा किया किस प्रकार का ट्वीट सांप्रदायिक घटनाएं निर्मित करा सकता है। साथ ही देशभर में दो संप्रदायों के बीच अस्थिरता फैलाने वाला था इस ट्वीट की वजह से दो संप्रदायों के सौहार्द पर प्रभाव पड़ेगा और शत्रुता तथा वैमनस्यता का वातावरण भी तैयार होता इसलिए उनके विरुद्ध यह कार्यवाही की गई है।
दिग्विजय पहले भी धार्मिक सौहार्द को प्रभावित करने वाली बातों को बोलते हुए पाए गए हैं, उनके संदिग्ध लोगों के साथ संबंधों को लेकर भी उन पर हमेशा ही प्रश्नचिन्ह लगते आये हैं. ऐसे में उनके द्वारा धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए किया यह ट्वीट फिर से उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह को खरगोन से जोड़कर जिस फोटो को दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया था वह बिहार की थी. जिसका उपयोग करके वह प्रदेश और देश में माहौल ख़राब करना चाहते थे।
उनके ट्वीट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री निंदा की थी और गृहमंत्री द्वारा भी कार्रवाई हेतु पहल करने की बात की गयी थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्विटर पर कहा, ‘‘ दिग्विजय सिंह ने एक धार्मिक स्थल पर युवक द्वारा भगवा झंडा फहराने का फोटो सहित ट्वीट किया है, वह मध्य प्रदेश का नहीं है। दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ दिग्विजय सिंह भ्रम फैलाकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देना चाहते हैं। सोशल मीडिया अकाउंट पर मस्जिद में झंडा फहराने की जो तस्वीर उन्होंने पोस्ट की है वो मध्य प्रदेश की नहीं है। इस विषय में वैधानिक कार्रवाई को लेकर विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।’’