जन्मजयंती विशेष, बाजीराव बल्लाल भट्ट अर्थात पेशवा बाजीराव

\"\"

एक ऐसा योद्धा जिसके जन्म के समय पण्डित ने ३ भविष्यवाणियाँ कर दी थी,
अजेय
अद्वितीय
अल्पायु

और आज इतिहास इन तीनों बिन्दुओं की सार्थकता का प्रमाण स्वयं देता हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य के एक सामान्य से परिवार बालाजी विश्वनाथ भट्ट और राधाबाई के घर १८ अगस्त सन् १७०० को इस धीर वीर गम्भीर बालक बाजीराव का जन्म होता हैं। बालाजी विश्वनाथ स्वयं अपने सामर्थ्य के बल पर छत्रपति शिवाजी महाराज के पौत्र शाहू महाराज के पेशवा अर्थात प्रधानमंत्री बनते हैं और उनके दोनों पुत्र बाजीराव और चिमाजी अप्पा भी उन्ही की भांति शस्त्र और शास्त्र दोनों में पारंगत थे इसी कारण
१७२० में पेशवा बालाजी की मृत्यु पर शाहू महाराज के सामने जब उनके अगले पेशवा का प्रश्न आता है, तो इस हेतु उन्हें सभी योग्यताओं पर कसा हुआ मात्र एक ही व्यक्ति प्रतीत होता हैं, बालाजी का मात्र २० वर्ष का पुत्र बाजीराव

और उसके बाद यह बाजी की आंधी थमने वाली नही थी
यही बाजीराव जो, बचपन से ही मात्र एक उद्देश्य को लेकर जीता था पेशावर से तंजावर तक एक छत्र भगवाराज
यही बाजीराव जिसने, १७३७ में मात्र ५०० सैनिकों के साथ दिल्ली पर हमला बोल दिया और मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला ३ दिन तक लाल किले में थर्राता रहा।
यही बाजीराव जिसने, जिसने मुगलों से भी ५० लाख रुपए हर्ज़ाना वसूल लिया था।
यही बाजीराव जिसने, अपने जीवन के सभी ४१ युद्धों में विजय ही प्राप्त की।
और यही बाजीराव, जिसके लक्ष्य के बीच में मौत भी आने से डरती थी।
और अंततः इसी बाजीराव ने, छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की सीमाओं को भारतवर्ष में अखण्ड स्वरूप दिया और स्वराज्य की सीमाएं सम्पूर्ण राष्ट्र में अटक से कटक तक फैला दी थी।

मात्र ४० वर्ष के अजेय अद्वितीय योद्धा बाजीराव बल्लाल भट्ट को ३२० वीं जन्मजयंती पर हृदय से नमन

– चैतन्य जी गुंजाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *