पश्चिम बंगाल के बशीरहाट उपमंडल के चौहट्टा गांव में बुधवार (22 जनवरी) को छात्रों के एक समूह ने पिछले 8 साल से आदर्श विद्यापीठ के स्कूल अधिकारियों द्वारा बंद की गई सरस्वती पूजा को फिर से शुरू करने की मांग की, छात्रों ने मांग को लेकर प्रदर्शन किया तो छात्रों की पिटाई कर दी गई.
छात्रों ने बोयलघट्टा-कोलूपुकुर रोड पर जाम लगा दिया. प्रदर्शनकारी छात्रों में चौहट्टा आदर्श विद्यापीठ स्कूल के छात्र-छात्राएं शामिल थे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चोट लगने की वजह से दो छात्रों की नाक से ख़ून निकल रहा था और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया. वहीं, अंग्रेजी के एक अध्यापक गणेश सरदार ने आरोप लगाया कि भीड़ उन्हें ढूंढ रही थी, उन्हें टॉयलेट के अंदर छिपा दिया गया था. अगर ज़िला प्रशासन समय पर आकर कार्रवाई न करता तो स्थिति और बिगड़ सकती थी. हारो पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी ने उन्हें बचाया.
अध्यापक ने बताया कि उन्हें भीड़ ने निशाना बना रखा था, इस की एक वजह यह भी है कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध एक शिक्षक निकाय के ज़िला महासचिव हैं. वे नबी दिवस और सरस्वती पूजा दोनों की सहमति दे चुके हैं. लेकिन, इस मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की राज्य मंत्री और जिला अध्यक्ष ज्योति प्रिया मल्लिक को कुछ नहीं मालूम. यहां तक कि ममता बनर्जी भी इस मुद्दे पर मौन हैं.
जानकारी के अनुसार, स्कूल के पूर्व हेडमास्टर, अशोक चंद्र सरकार ने पिछले कई वर्षों से सरस्वती पूजा पर रोक लगा रखी थी. उनके बाद, श्री मंडल, जिन्होंने छह माह पहले ही स्कूल ज्वॉइन किया है, उन्होंने इस सबके लिए स्कूल प्रबंधन समिति को दोषी ठहराया है. स्कूल में छात्रों के विरोध के कारण, जिसमें लगभग 1700 छात्र हैं, वार्षिक खेल बैठक को भी रद्द करना पड़ा.
स्कूल में अंतिम बार सरस्वती पूजा का आयोजन 2012 में किया गया था. इसके बाद हुई झड़पों के बाद पूजा बंद कर दी गई थी. हर साल छात्र शिक्षा की देवी को समर्पित सरस्वती पूजा के आयोजन की मांग करते हैं, लेकिन हर साल स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जाता है. हेडमास्टर हिमांशु शेखर मंडल ने पुष्टि की, उन्हें स्कूल में सरस्वती पूजा का आयोजन करने के लिए इच्छुक छात्रों का अनुरोध प्राप्त हुआ है. कार्रवाई करते हुए प्रस्ताव को प्रबंधन समिति को भेज दिया है, लेकिन इस बारे में अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
पूजा को लेकर इलाक़े के कुछ मुसलमानों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद से सरस्वती पूजा बंद कर दी गई. मुसलमानों ने मांग की थी कि स्कूलों में अगर सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाएगा, तो स्कूल प्रशासन को नबी दिवस (पैगंबर दिवस) भी आयोजित करना होगा. उल्लेखनीय है कि नुसरत जहां बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा संसद सदस्य हैं, यहां की मुस्लिम आबादी लगभग 54% है.