एक नायक से काम नहीं चलेगा, बल्कि गांव और कस्बे में नौजवान नायकों की टोलियां तैयार करनी होंगी, जो समाज के प्रति बिना किसी स्वार्थ के काम करें और जिनका चरित्र निष्कलंक हो. इसी से भारत का भविष्य बदल सकता है। विश्व भारत की तरफ देख रहा है और विश्व को सुख शांति का रास्ता दिखाने वाला संगठित हिन्दू समाज चाहिए।