ब्राह्मण परिवार ने पेश की सामाजिक समरसता की मिसाल अपने घर बुलाए गोगादेव जी ओर किया छड़ी पूजन।
गोगा देव जी की छड़ी को अपने घर पर बुलवाया और छड़ी पूजन कर परिवार ने सामाजिक समरसता की अदभुत मिसाल पेश की।
परिवार ने इस पूजन के लिए वाल्मीकि समाज के बंधुओ से कहा की वे छड़ी पूजन अपने घर पर करना चाहते है। जिसके बाद छड़ी उनके घर लाई गई जहां सबने मिलकर छड़ी पूजन किया। यह परिवार श्री राजेन्द्र जी जोशी (पंचवटी होटल), अध्यक्ष- बावीसा ब्राह्मण समाज बड़वाह का था जिन्होंने अपने यहां पूजन किया।
इस पूजन अवसर पर मनोहर भाई डुलगज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गोगा देव जी किसी एक समाज के ना होकर समूचे राष्ट्र के लिए पूजनीय है। गोगा देव जी ने अपने समाज को एकत्रित कर आक्रांताओ का वीरता पूर्वक सामना किया और आप वीर कहलाए। गोगाजी ने अपने सभी पुत्रों, भतीजों, भांजों व अनेक रिश्तेदारों सहित जन्म भूमि और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया |
आपने बताया कि, चौहान वंश में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी को लोकमान्यताओं व लोककथाओं के अनुसार साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी चौहान, गुग्गा, जाहर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है। आज देश भर में उनकी बहुत अधिक मान्यता है,लगभग हर प्रदेश में उनकी माढ़ी बनी हुई है इनके भक्त सभी जातियों में मिलते हैं |
गोगा जी द्वारा गौरक्षा,राज्य विस्तार,विधर्मियों से संघर्ष और अध्यात्मिक साधना जैसे कार्य राष्ट्र के हित में किये गए|
उक्त कार्यक्रम में छड़ी का पूजन दर्शन कर हम सब धन्य हुए आप किसी एक समाज के ना होकर समूचे राष्ट्र के लिए पूजनीय है।छड़ी पूजन के इस कार्यक्रम में धूप दीप नैवेद्य के साथ ढोल वादन के साथ सभी उपस्थित जनों ने आरती की तत्पशचात प्रसादी, एवम अल्पाहार सभी जनों ने सामूहिक रूप से ग्रहण किया।
कार्यक्रम में विभिन्न समाज प्रमुख, प्रतिष्ठित व गणमान्य नागरिकों द्वारा पवित्र छड़ी का पूजन किया गया व सामाजिक समरसता का संदेश दिया गया ।