नई पीढ़ी की चिन्ता न करें, वह सक्षम है : मोहन भागवत
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए इस कार्यक्रम आयोजन सन्त ईश्वर फाउंडेशन ने राष्ट्रीय सेवा भारती संस्था के साथ मिलकर किया।
नई दिल्ली 21 नवंबर 2021: नई दिल्ली के विज्ञान भवन में संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय सेवा भारती के सहयोग से संत ईश्वर सम्मान समारोह वर्ष 2021 का आयोजन किया गया जिसमे सरसंघ संचालक डॉ मोहन भागवत सामजिक रूप से पिछड़े वर्गो हेतु जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे संगठनो एवं व्यक्तियों को सम्मानित किया । कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा बिशिष्ट अथिति थे , कार्यक्रम की अध्यक्षता संत सम्मान फाउंडेशन के ट्रस्टी कपिल खन्ना जी थे साथ ही कई गणमान्य व्यक्ति भी इसमें सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, वह सक्षम है, बस उसे सही मार्गदर्शन की ज़रूरत है। भागवत ने कहा कि आज लोग इस बात की चिंता करते दिखाई देते हैं कि भारत की नई पीढ़ी का क्या होगा, वह क्या करेगी। इसकी चिंता बड़े लोग करते हैं। पर, उन्हें इसकी चिंता करने की जगह खुद एक अच्छा और आदर्श आचरण उनके सामने रखकर उन्हें प्रेरित करना चाहिए। उस आचरण को देखकर वे खुद-ब-खुद वैसे ही बनते जाएंगे। अलग से उन्हें कुछ सिखाने की कोई ज़रूरत ही नहीं है। वे स्वयं काफी सक्षम हैं।
चूंकि सन्त ईश्वर फाउंडेशन एक सेवाभावी संस्था है, उसी बात से प्रसंग को जोड़ते हुए भागवत ने कहा कि सेवाभाव के कारण ही मनुष्य, मनुष्य माना जाता है। सेवा का भाव मनुष्य के अंतर्मन में निहित होता है। संवेदनशील व्यक्ति ही सेवा कर सकता है।मनुष्य ने अगर संवेदनशीलता को चुना तो देवता बन जाता है।
धर्म के क्षेत्र में भारतभूमि के महत्व को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि यह भी सत्य है कि सभी धर्म भारतभूमि से ही निकले हैं। मनुष्य के पास धर्म का तत्व होने से ही वह मनुष्य है। धर्म का अर्थ पूजा पाठ मात्र नहीं है। पूजापाठ तो धर्म का एक हिस्सा मात्र है। श्रीमदभागवत में धर्म के जो तत्व बताए गए हैं उनमें सत्य को धर्म बताया गया है। सत्य सभी का एक ही होता है अलग-अलग नहीं। उस सत्य तक सभी धर्मों के लोग अपने-अपने तरीकों से पहुंचना चाहते हैं। उनको ऐसा करने देना चाहिए। उनके साथ ज़बरदस्ती करके झगड़ना नहीं चाहिए। पर, आदर्शों के मार्ग पर मिलकर चलने से ही परिणाम मिल पाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज जय श्रीराम तो हर कोई कह देता है। पर, श्रीराम जैसा बनना भी तो चाहिए। लोग कहते हैं कि वह तो भगवान थे। पर, उनके दिखाए रास्ते पर चलने वाले बहुत से लोग हैं जो बिना दिखावा किये चुपचाप उन आदर्शों का पालन करते रहते हैं। किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखते।
ऐसे ही धीरे-धीरे सभी आदर्शों को अपनाकर एक आदर्श स्थिति का निर्माण किया जा सकता है। चींटी भी धीरे-धीरे मीलों दूर निकल जाती है। सन्त ईश्वर फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित इस पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों को समाज के पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए बेहतर काम के लिए वर्ष 2021 के पुरस्कार दिए।
पुरस्कारों के बारे में जानकारी देते हुए सन्त ईश्वर सम्मान समिति की महासचिव सुश्री वृंदा ने बताया कि इस पुरस्कार की शुरुआत 2015 में कई गयी थी। पुरस्कार जनजातीय कल्याण, ग्रामीण विकास, महिला व बाल-कल्याण तथा कला, साहित्य, पर्यावरण तथा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में दिये जाते हैं। संस्थाओं को 5 लाख और निजी व्यक्तियों को एक लाख रुपये की धनराशि, शॉल, सर्टिफिकेट और ट्रॉफी दी जाती है।
इस बार जिन संस्थाओं और व्यक्तियों को पुरस्कृत किया गया उनकी सूचि निम्न है
जनजाति क्षेत्र
1. श्री सुकुमार रायॅ चौधरी दक्षिण दिनाजपुर, बंगाल
2. शांताराम बुदुना सिद्धि कन्नड, कर्नाटक
3.हजोंग अर्णब गारो हिल्स, मेघालय
4 . मेधा उरांव रांची, झारखंड
ग्रा्मीण क्षेत्र
1. डॉ निरूपमा सुनुनील देश पांडे अमरावती, महाराष्ट्र
2.आशीष कुमार जबलपुर, मध्यप्रदेश
3.धर्मवीर चहल जीन्द, हरियाणा
महिला एव बाल विकास क्षेत्र
1.साध्वी कमलेश भारती हरिद्वार, उत्तराखंड
2.रूरल हेल्थ और हम बिश्वनाथ, असम
3. बिसरा सेवा प्रकल् पटना, बिहार
4. अमृठावर्शिनी बाल कल्याण आश्रम अनंतापुरम, आंध्र प्रदेश
विशेष योगदान
1. विवेकानंद सेवा मंडल ठाणे, महाराष्ट 2. चिरंजीव मल्होत्रा जी दिल्ली
आर्य चावड़ा़ अहमदाबाद, गुजरात
आत्मनिर्भर – एक चैलैज
कामरूप,असम
सतं ईश्वर सम्मान निर्णायक मंडल में श्री एस. गुरुमूर्ति सी.ए, स्वदेशी जागरण मंच; निर्देशक (भारतीय रिजर्व बैक), श्री प्रमोद कोहली – से.नि. मुख्य न्यायाधीश (सिक्किम उच्च न्यायालय); सेनि. अध्यक्ष, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) पद्मश्री जवाहर लाल कौल- वरिष्ठ पत्रकार अध्यक्ष, जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र पद्मश्री राम बहादुरुर राय -अध्यक्ष, इंदिरा गाँधी कला केंद्र ;वरिष्ठ पत्रकार श्री पन्नालाल भंसाली – अध्यक्ष, राष्ट्रीय सेवा भारती श्री गुणवंत कोठरी अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य; राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं श्री कपिल खन्ना- ट्रस्टी, सतं ईश्वर फाउंडेशन, अध्यक्ष, सतं ईश्व सम्मान समिति है।