आगर निवासी श्री रोडमल जी कुम्भकार का पिछले वर्ष 22 अप्रेल को देहावसान हो गया था।
जिनके आत्मशांति कार्यक्रम में उनके पुत्र एवं परिवार ने “भारतीय परिवार ” नामक 600 पुस्तकों का वितरण कर पिता के जीवन को सफल किया।
‘वास्तव में उनके जीवनकाल में उनका प्रमुख जोर कुटुम्ब की समरसता पर ही रहता था, इसी कारण कुम्भकार समाज के कोई भी विवाद थाना, कोर्ट में नही गया।