पूज्य सावित्रीबाई फुले की 190 वी जयंती गरिमा पूर्ण रूप से सामाजिक समरसता मंच इंदौर के द्वारा मनाई गई जिसमें बड़ी संख्या में मातृशक्ति की सहभागिता रही कार्यक्रम महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए रखा गया जिसमें मंचासीन अतिथि, संचालिका और श्रोतागण भी अधिकतम महिलाएँ ही रही।
स्त्री शिक्षा, स्वाभिमान स्वावलंबन को समर्पित पूज्य सावित्रीबाई फुले जिसकी 190 वी जयंती 3 जनवरी के उपलक्ष्य में आज 2 जनवरी को दोपहर 1:00 बजे स्थानीय कनकेश्वरी माता मंदिर परदेसीपुरा इंदौर स्थित सर्वसुविधा युक्त हाल में कार्यक्रम रखा गया। सामाजिक समरसता मंच इंदौर द्वारा रखा गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर रजनी भारती, कार्यक्रम की अध्यक्षता बरखा गोड़ आर टी ओ खरगोन, विशेष अतिथि डॉ रेणुका रमनवाल, डॉ खुशबू रत्नेरे, डॉ मिनाली वाडिया व मुख्य वक्ता सरिता कुन्हारे रही।
अपनी मेहनत और लगन से जीवन में विशेष स्थान हासिल करने वाली मातृशक्ति को ही मंचासीन किया गया जिससे उपस्थित महिलाओं को प्रेरणा मिले। पति की असमय मृत्यु होने पर अपने जीवन में संघर्षों का सामना कर विकट परिस्थिति में पढ़ाई कर नौकरी की और अपने पूरे परिवार का पालन पोषण करते हुए अपने चार बच्चों को उच्च शिक्षित करने वाली शिक्षिका विमला रमनवाल का सम्मान किया गया।
मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता कन्हारे दीदी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में महिलाओं को पूज्य सावित्री बाई के जीवन संघर्षों को बताया और स्त्री शिक्षा के लिए 1848 में खोले गए तीन विद्यालयों का संचालन कैसे किया, विधवा विवाह को प्रोत्साहन, अनाथ बच्चों को अपनाकर उसे डॉक्टर बनाना और समाज की सेवा करते हुए उस समय हुए प्लेग की बीमारी में अपने प्राणों का उत्सर्ग किया, साथ ही स्वर्ग और नर्क की कहानी बताते हुए प्रतिदिन अच्छे कामों को करना, अपना स्वर्ग का घड़ा भरना जैसा ही है। बीज रूप में शुरू हुए ऐसे कार्यक्रमों का फल बरगद रूपी वृक्ष के रूप में समाज को मिले ऐसी आशा समरसता मंच की है।
सामाजिक समरसता मंच के बारे में संयोजक दिलीप माननीय बताया, कार्यक्रम का संचालन कविता खर्चे ने किया, अतिथि परिचय कुमुद वर्मा के द्वारा कराया गया, गीत की प्रस्तुति नित्या जादौन ने दी, आभार जगदीश पाराशर ने माना, विशेष सहयोग डाक्टर महेश रत्नेरे का रहा ।