‘मानवता की धरोहर हैं संत’

\"\"

जब-जब हम राह भटके, तब-तब संतो-महापुरुषों ने हमें राह दिखाई। संत सारी मानवता की धरोहर हैं| संत रविदास भी ऐसे ही एक तेज पुंज हैं। उनकी वाणी और प्रसंगों का एक स्थान पर संकलन हुआ है, ये बहुत अच्छी बात है।\”


जबलपुर प्रवास पर आए सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने 25 फरवरी को श्री सुदर्शन स्मृति सेवा न्यास द्वारा प्रकाशित \’संत रविदास\’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया| इस अवसर पर पुस्तक के लेखक श्री एन सी कुरील, क्षेत्र संघचालक श्री अशोक सोहनी न्यास के अध्यक्ष डॉ प्रदीप दुबे, सचिव श्री अखिलेश जैन और विभाग संघचालक डॉ कैलाश गुप्ता उपस्थित थे।

पुस्तक परिचय करवाते हुए प्रांत सह प्रचार प्रमुख प्रशांत बाजपेई ने कहा कि \”संत रविदास महान गुरु रामानंद जी के शिष्य तथा संत कबीर, संत पीपा जी और संत सदना के गुरुभाई थे। मीराबाई ने उन्हें अपने गुरु के रूप में स्वीकार किया| रविदास जी की वाणी को गुरुग्रंथ साहिब में स्थान मिला।

पुस्तक में संत रविदास की जीवनी और उनकी वाणी का संकलन किया गया है| उनसे जुड़े अनेक जीवन प्रसंग और उन प्रसंगों से जुड़े चित्र भी पुस्तक में दिए गए है। \” इस अवसर पर जबलपुर के अनेक वरिष्ठ स्वयंसेवक एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

2 thoughts on “‘मानवता की धरोहर हैं संत’

  1. संत रविदास का जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है पुस्तक पढ़ने से उनके जीवन की विशिष्टता का बोध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *