भारतीय कृषि पद्धति और देशी गोवंश पालन से आत्मनिर्भरता हासिल होगी – डॉ. मोहन भागवत जी

छत्रपति संभाजीनगर, 23 अगस्त 2025।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारतीय खेती में आधुनिक तकनीक का उचित उपयोग करने के साथ ही पशुपालन सहित मिश्र कृषि अपनाने से किसानों को अधिक लाभ होगा। वैश्विक स्तर पर मौजूद अनिश्चितताओं और चुनौतियों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना अत्यावश्यक है। सरसंघचालक जी ज्येष्ठ पशुवैद्य प्रतिष्ठान के 28वें स्थापना दिवस के अवसर पर छत्रपति संभाजीनगर स्थित तापड़िया नाट्य मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर पशुवैद्यक शास्त्र में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। साथ ही प्रतिष्ठान की स्मारिका का प्रकाशन भी हुआ। कार्यक्रम में डॉ. अशोक दिवाण (अध्यक्ष, ज्येष्ठ पशुवैद्य प्रतिष्ठान) मंच पर उपस्थित थे।

सरसंघचालक जी ने कहा कि “जो बोल नहीं सकता, इलाज के समय जो विरोध करता है, उसके भी दुःख को समझकर उसे ठीक करने की कला हमारे पास है। शालिहोत्र इस प्राचीन पशुवैद्य ने घोड़े की आयु और गुणों का विज्ञान बताया था। यह परंपरा हमारे लिए गर्व की बात है। खेती में पश्चिमी तकनीक और आधुनिकता को जहाँ आवश्यक हो, वहाँ स्वीकार कर भारतीय पद्धति के अनुसार खेती और पशुपालन का समन्वय किया जाए तो किसान को लाभ होगा। देशी गोवंश और पारंपरिक कृषि पद्धति के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। भारतीय कृषि का आधुनिक रूप विकसित करके ही हम कृषि आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकते हैं।”

कार्यक्रम में पशुपालन क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पशुपालक और पशुवैद्यकीय स्नातकों को आदर्श पशुपालक, आदर्श गोपालक, उत्कृष्ट पशुवैद्य, आदर्श प्राध्यापक आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

आदर्श पशुपालक पुरस्कार – सौ. वैशाली भाऊसाहेब चव्हाण, देवणी गोवंश

आदर्श गोपालक – रामकृष्ण नामदेव दरगुडे, कै. खंडेराव जाधव

आदर्श शेळीपालक पुरस्कार – राहुल लक्ष्मण पुर्‍हे

गुणवंत विद्यार्थी – डॉ. कु. ईश्वरी जोशी (तीन पुरस्कार)

यशवंत विद्यार्थी स्वर्ण पदक पुरस्कार – डॉ. वैभव विष्णुदास हरडे

गुणवंत विद्यार्थिनी – डॉ. कु. शारदा ढाकरके

आदर्श पशुवैद्य – डॉ. अनिल कौसडीकर

पशुवैद्य भूषण – डॉ. नरेश गीते

जीवनगौरव पुरस्कार – डॉ. अरविंद मुळे

आदर्श प्राध्यापक – डॉ. प्रफुल्लकुमार पाटील

उत्कृष्ट पशुवैद्य सहदेव पुरस्कार – डॉ. आनंद राजशेखर दडके

उत्कृष्ट पशुवैद्य नकुल पुरस्कार – डॉ. विजय ढोके

उत्कृष्ट पशुवैद्य पुरस्कार – डॉ. प्रमोद रतनलाल दोशी

आदर्श प्राध्यापक – डॉ. विश्वंभर पाटोदकर

संस्था की शुरुआत प्रतिकूल परिस्थितियों में हुई थी। अनेक सहकर्मियों के योगदान से आज इसकी क्षमता बढ़ी है और कामकाज इतना विस्तृत हुआ है कि विविध पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।

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