डॉ कुमार विश्वास ने उज्जैन में “विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान” द्वारा “उज्जैन जिला प्रशासन” के सहयोग से आयोजित “अपने -अपने राम” कार्यक्रम में संघ के स्वयंसेवकों को “अनपढ़” कहा।
डॉ कुमार विश्वास ऐसा कई बार कर चुके है, उनपर आरोप लगते रहें कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति न होने की भड़ास “मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम” की कथा के माध्यम से निकालते है।
उज्जैन के समग्र आहत हिन्दू समाज ने संस्कृति मंत्रालय मध्यप्रदेश तथा विक्रमादित्य शोधपीठ को पत्र लिखकर कहा है कि जिस संगठन के कार्यकर्ताओ के जीवन, गीता की उक्ति को चरितार्थ करते है, उन्हे अनपढ़ कहना ठीक नहीं है।
समग्र हिंदू समाज ने अपने पत्र में उज्जैन के कुछ स्वयंसेवकों के नाम भी गिनाए हैं,जिनमे पद्मश्री श्रीधर विष्णु वाकणकर जी तथा गोवा मुक्ति आंदोलन के बलिदानी राजाभाऊ महाकाल सम्मिलित है।
समाज ने कहा कि देश के लिए सर्वस्व अर्पण करने वालो की ऐसी परंपरा संघ में है।
डॉ कुमार विश्वास को संघ के इस अपमान पर समाज से क्षमा मांगनी चाहिए।
साथ ही सोशल मीडिया पर #Shame_on_kumarvishwas ट्रेंड हो रहा है।