2023 समाप्त हुआ है, लेकिन यह बरस वैसा नही बीता जैसे बाकि बरस बीतते है। यह वर्ष एक देश के नाते हम सभी भारतीयों को बहुत कुछ देकर गया है, भारतीयों में भारतीय होने का गौरव,अपनी मान्यताओं के प्रति श्रद्धा ऐसे बहुत से विषय इस वर्ष बहुत देखने को मिलें और पहली बार यह भी लगा कि जन और शासन दोनो मिलकर, एक साथ देश को आगे बढ़ाने का कार्य रहे है, योगदान दे रहें हैं।
- जी20 की अध्यक्षता – भारत एक वर्ष के लिए जी-20 समूह का अध्यक्ष था, जी -20 की अध्यक्षता एक सामान्य प्रक्रिया है,जो हर वर्ष समूह के किसी एक देश के पास होती है लेकिन वर्तमान सरकार ने इस अध्यक्षता का, दुनिया में भारत की साख बढ़ाने के लिए जिस तरह उपयोग किया शायद कोई ओर नहीं कर सकता था। देश के सेकडो शहरों में G 20 समूह की बैठक से दुनिया भर के प्रतिनिधियों ने यह भी जाना कि “केवल दिल्ली ही भारत नहीं है”
देश के अंदर भी सरकार ने विभिन्न कार्यक्रम – जैसे मैराथन, स्लोगन प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कर G -20 को Peopls Programme बना दिया, इस कार्यक्रम का उपयोग केंद्र सरकार ने भारत की प्राचीन संस्कृति को वैश्विक बनाने के लिए भी किया। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जी 20 शिखर सम्मेलन में आए राष्ट्राध्यक्षो का स्वागत जिस स्थान पर किया, वहां उनके पार्श्व (Background) में “कोणार्क का प्राचीन सूर्यमंदिर” था। जिस स्थान पर जी 20 शिखर सम्मेलन हुआ, उसका स्थान का नाम भी “भारत मंडपम” रखा गया और प्रधानमंत्री के नाम के सम्मुख “भारत” लिखा गया।
कुल मिलाकर जी -20 के एक वर्ष का उपयोग भारत ने अपनी संस्कृति -क्षमता पर्यटन और संस्कृति को विश्व के सम्मुख पूरी शक्ति के साथ प्रकट करने के लिए किया। - लोकतंत्र का सही मायनो में मंदिर – नई संसद
इस वर्ष देश की नई संसद का लोकार्पण भी हुआ, यह संसद सही मायनो में लोकतंत्र का मंदिर परिलक्षित हो रही है। संसद के अंदर पवित्र “सेंगोल” की स्थापना ने भारत की प्राचीन न्यायव्यवस्था में हमारे विश्वास को और अधिक बढ़ाया है।
साथ ही नई संसद में अखंड भारत और भारत के महापुरुषों के चित्र ने “भारत एक सांस्कृतिक और प्राचीन राष्ट्र है” वाले तथ्य को ओर अधिक पुष्ट किया है। - चंद्रयान – भारत के वैज्ञानिक प्रभा
इसी वर्ष भारत ने चंद्रमा पर चंद्रयान का सफल प्रक्षेपण किया है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश बन गया। पहली बार किसी वैज्ञानिक उपलब्धि के लिए देश में इस तरह का उत्साह दिखा, शाम होते -होते देश में उत्सव का वातावरण बन गया और जब इस सफलता के कुछ सप्ताह बाद ही इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए “गगनयान” का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण किया तो पूरा विश्व जान गया कि भारत सपेरों का देश नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। - मिलेट्स का चलन – वर्ष 2023 में भारत में स्वास्थ्य के लिए एक अलग तरह की जागरूकता दिख रही है, इसका एक बड़ा कारण कोरोना जैसी आपदा भी हो सकती है, कोरोना के बाद भारतीय, अपने पुराने नुस्खे और आयुर्वेद की ओर लौट रहे है। इस वर्ष देश में मिलेट्स (मोटे अनाज) का चलन खूब बड़ा है। मिलेट्स को लेकर देश भर में विभिन्न समिट भी आयोजित हो रहीं है और रिकॉर्ड मात्रा में लोग मोटे अनाज का सेवन कर रहें हैं।
- स्टार्ट -अप भारत
भारत आज दुनिया का अव्वल देश है, जहां रिकॉर्ड संख्या में नियमित स्टार्ट -अप पंजीकृत हो रहें हैं। भारत में अब “जॉब सीकर से जॉब प्रोवाइडर” की यात्रा शुरू हो चुकी है। नए -नए “इनोवेशन” के कारण भारत आज दुनिया में “Startup Hub” के रूप के स्थापित हो रहा है। - टेंपल इकोनॉमी
भारत में पिछले कुछ वर्षो में “टेंपल इकोनॉमी” शब्द बड़ी संख्या में सुनाई दे रहा है। इसका कारण है तीर्थस्थानों और मंदिरों में लगातार बढ़ती संख्या और उससे होती बहुत अधिक आय।
हमारे मध्यप्रदेश में ही महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद से उज्जैनवासियो का जीवन जैसे बदल ही गया है, नियमित आतें लाखो श्रद्धालुओं के कारण उज्जैन -इंदौर और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को खूब आय हो रही हैं। केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और अब श्रीराम मंदिर भी इसी के उदाहरण है।
इसके साथ ही इस वर्ष भारत ने कई गुलामी के प्रतिको को समाप्त किया, एशियन गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने मेडल का शतक लगा दिया।
यह वर्ष कई मायनों में भारत के लिए मील का पत्थर साबित हुआ, इस वर्ष के अंत में रामजन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम ने देश में एक अलग ही तरह का वातावरण बना दिया है। दुनिया के दूसरे देश युद्ध में जूझ रहे है और भारत उत्सव मना रहा है।
भारत बढ़ रहा है। यह वर्ष उसी बढ़ती का प्रतीक था। भारत हमेशा बढ़ता रहें, हम सब अपना योगदान देते रहे यही कामना है।
–डॉ संध्या चौकसे
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