अयोध्या : दिसम्बर 2023 तक गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे रामलला

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि दिसम्बर 2023 तक गर्भगृह में श्री रामलला विराजमान हो जाएंगे। मन्दिर परिसर में ही भगवान गणेश समेत अन्य मन्दिर भी बनाए जाएंगे

श्रीरामलाल दरबार,अयोध्या

अयोध्या में दिसम्बर 2023 तक गर्भगृह में श्री रामलला विराजमान हो जाएंगे। मन्दिर परिसर में ही भगवान गणेश समेत अन्य मन्दिर भी बनाए जाएंगे, जिस पर आगे चर्चा होगी। यह कहना है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय का। वह दो दिवसीय मंदिर निर्माण समिति की समीक्षा बैठक के अंतिम दिन पत्रकारों से रूबरू थे।

उन्होंने बताया कि सोमवार से मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में बैठक हुई है, जिसमें बताया गया कि राजस्थान प्रान्त के भरतपुर से पत्थर आने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राजस्थान सरकार और भारत सरकार ने समस्या का समाधान कर लिया है। इससे राजस्थान सरकार को करोड़ों रुपये टैक्स रूप में मिलेंगे। दूसरी ओर मंदिर निर्माण का कार्य 30 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। महासचिव ने बताया कि एलएंडटी व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर्स भी बैठक में शामिल रहे। इंजीनियर टीम ने बताया कि दिसम्बर 23 तक गर्भगृह में रामलला के विराजित होने की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिससे दिव्य व भव्य मंदिर निर्माण हो सके।

ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि मंगलवार को मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद दूसरे चरण में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक हुई। 10 सदस्य मौजूद रहे, जबकि 4 सदस्य ऑनलाइन जुड़े थे। अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास जी महाराज स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके। ट्रस्ट की बैठक में मौजूद सभी 14 सदस्यों के बीच राम मंदिर परिसर में अन्य मंदिरों को लेकर भी चर्चा हुई है। जिसमें भगवान गणेश, माता सीता का मंदिर, जटायु, माता शबरी, निषादराज आदि का मंदिर बनाए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सहमति बनी। जिसके स्थान व अन्य तथ्यों पर विस्तृत चर्चा अगले बैठक में होगी। ट्रस्ट महासचिव चम्पतराय ने बताया कि गर्भगृह में श्रीरामलला बाल स्वरूप में ही विराजित होंगे, यह अंतिम निर्णय है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दिसंबर 2023 के अंत तक रामलला को गर्भगृह में विराजित करने की तैयारी में है। इसी बीच यह चर्चा जोर पकड़ी की दिसंबर के अंत में खरमास के चलते ट्रस्ट ने राममंदिर के उद्घाटन की समय सीमा बढ़ा दी है। इस बात को ट्रस्ट महासचिव चम्पतराय ने खारिज कर दिया। उनका कहना था कि राममंदिर के भूमिपूजन से लेकर नींव खोदाई, नींव निर्माण, रॉफ्ट निर्माण व चबूतरा निर्माण शुरू करने से पहले ट्रस्ट द्वारा विधिविधान पूर्वक पूजन-अर्चन कराया गया। उसके बाद काम शुरू हुआ। राममंदिर का भूमिपूजन भी पीएम श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों शुभ अभिजीत मुहूर्त में हुआ है। मंदिर निर्माण में वास्तुशास्त्र का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। देश के चुनिंदा वास्तु शास्त्रियों की एक टीम भी बनाई गई है। जो समय-समय पर ट्रस्ट को वास्तुशास्त्र से संबंधित सुझाव देते रहते हैं। ऐसे में खरमास के चलते समय सीमा बढ़ाकर मकर संक्रांति 2024 किए जाने की कोई बात ही नहीं है। फिलहाल दिसम्बर 23 का ही लक्ष्य लेकर मन्दिर निर्माण कार्य प्रगति पर है।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

साभार:-पांचजन्य

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *