
प्रमिलताई मेढ़े को राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं का अंतिम प्रणाम
नागपुर, १ अगस्त।
राष्ट्र सेविका समिति के नागपुर स्थित प्रधान कार्यालय में आज सुबह पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिलताई मेढ़े को समिति की सेविकाओं ने अंतिम प्रणाम किया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा, उनका कार्य व जीवन आने वाली पीढ़ी दीपस्तंभ के रूप में सतत प्रेरणा देता रहेगा। प्रमिलाताई के देहावसान के साथ भारतीय संस्कृति के लिए समर्पित एक उज्ज्वल जीवनयात्रा का अंत हो गया। प्रमिलताई अब भौतिक रूप से नहीं हैं। एक रिक्तता का अनुभव हो रहा है। यह रिक्तता केवल देवी अहल्या मंदिर और राष्ट्र सेविका समिति तक सीमित नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी विचार परिवार और सभी समाजप्रेमी यह रिक्तता का अनुभव कर रहे हैं।
सरकार्यवाह जी ने कहा कि वंदनीय प्रमिलाताई जहां उपस्थित रहती थीं, वहां एक पावित्र्य का, कर्तव्य बोध का और स्नेहमयी वातावरण स्वाभाविक रूप से रहता था। हम सभी ने इसका अनेक बार अनुभव किया है। मेरे पास वर्तमान दायित्व आने के बाद मैं प्रमिलताई का आशीर्वाद लेने देवी अहल्या मंदिर भय्याजी जोशी के साथ आया था। संघ विचार में जिनकी परिपक्वता है, ऐसे व्यक्तित्व से आशीर्वाद लेना ऐसी मेरे मन में भावना थी। उस वक्त प्रमिलाताई भय्याजी के तरफ देखते हुए बोली, ‘अच्छा है नयी पीढ़ी को कार्य देना चाहिए’ और मुझे देखकर कहा, ‘नयी पीढ़ी आनी चाहिए, नये लोगों को दायित्व लेना चाहिए, लेकिन पुरानी परिपाटी को याद रखना चाहिए’।
उन्होंने कहा, प्रमिलताई ने २५ वर्ष से अधिक समय तक प्रमुख कार्यवाहिका रहकर देश के कोने कोने में और विदेश में भी समिति की सेविकाओं को मार्गदर्शन किया, समाज जागरण किया और समाज संगठन भी किया। उन्होंने एक श्रेष्ठ कार्य के लिये अपने जीवन को समर्पित कर दिया। प्रमिलताई राष्ट्र के प्रति सजग रहकर हमेशा राष्ट्र की चिंता करती थी। कोई भी घटना होती तो तुरंत उसके बारे में आमूलाग्र सोचती थी। इतिहास का बोध, वर्तमान की जानकारी के आधार पर समझ, भविष्य के बारे में चिंता और विश्वास, यह प्रमिलताई के व्यक्तित्व में न केवल देखने को मिला, पर सीखने को भी मिला। अपने प्रति कठोरता, सादगी की पराकाष्ठा, अन्यों के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार और वात्सल्य, यह वंदनीय प्रमिलताई के व्यक्तित्व में हम सभी ने अनुभव किया।
सरकार्यवाह जी ने कहा कि जीवन के क्षण क्षण को भारत माता, मानवता की सेवा के लिये समर्पित करने वाली प्रमिलताई अपनी जीवनयात्रा समाप्त करने के बाद भी मानव सेवा के लिये समर्पित करके गयी। वह हम सभी के लिये दीपस्तंभ के नाते जीवन, वाणी, व्यवहार से प्रेरणादायी रहेंगी।
प्रारंभ में सेविकाओं के लिए छोड़े गए प्रमिलताई मेढ़े के संदेश का वाचन समिति की अखिल भारतीय कार्यवाहिका चित्राताई जोशी ने किया। तत्पश्चात सरसंघचालक जी, प्रधानमंत्री जी सहित अन्य गणमान्यजनों के श्रद्धांजलि संदेशों का वाचन हुआ।
कार्यक्रम पश्चात प्रमिलाताई का पार्थिव ऑल इंडिया इन्स्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) को सौपा गया।


