ओंकारेश्वर, विसंके। सभी नर्मदातट वासियों और मध्यप्रदेश वासियों के लिए यह गर्व की बात है कि अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के श्रीरामलला विग्रह के चारो ओर बन रहें 14 फीट चौड़े परकोटे की 6 मंदिरों में से एक शिव मंदिर भी होगा, उसी मंदिर में ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी से प्राप्त 4 फीट ऊंचा दिव्य शिवलिंग स्थापित होगा, युगों तक दुनिया भर से श्रीराम मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु भगवान नर्मदेश्वर के भी दर्शन करेंगे।
“रामजन्मभूमि ट्रस्ट के चंपत राय ने की थी मांग”
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय जी ने एक पत्र नर्मदा के संत श्री श्री नर्मदानंद बापजी महाराज को लिखा था और नर्मदेश्वर शिवलिंग की मांग की थी, इसके बाद शिवलिंग की खोज की गई और पूर्णतः प्राकृतिक शिवलिंग की प्राप्ति हुई
“नर्मदेश्वर अयोध्या प्रतिष्ठा यात्रा” द्वारा शिवलिंग जाएगा अयोध्या
नर्मदेश्वर शिवलिंग का ओंकारेश्वर में विधि -विधान से पूजन किया जा रहा है, एक विशिष्ट रथ भी तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से नर्मदेश्वर शिवलिंग को श्री राम जन्मभूमि ले जाया जाएगा।
यह यात्रा 18 अगस्त से 23 अगस्त तक चलने वाली है।
“राममंदिर ले रहा राष्ट्रमंदिर का स्वरूप”
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को राष्ट्रमंदिर की संज्ञा दी गई है, यह समस्त भारतीयों की आस्था और विचारों का केंद्र होगा, मंदिर निर्माण के मध्य में सम्पूर्ण देशवासियों ने “निधि समर्पण” किया था, देशभर के विभिन्न धाराओं -मतों के संत भी मंदिर का अवलोकन करने आए ही है, भारत की समस्त नदियों के जल से श्रीराम जन्मभूमि का अभिषेक हुआ है, मंदिर निर्माण में संपूर्ण देश के अन्यान्य क्षेत्रों से विभिन्न सामग्रियां प्राप्त हुई है, नेपाल से शालिग्राम प्राप्त होना, हमारी सांस्कृतिक एकता का प्रतीक ही है, उसी क्रम में “नर्मदेश्वर शिवलिंग” अर्थात नर्मदा नदी से प्राप्त शिवलिंग के प्रति सम्पूर्ण विश्व के शिव भक्तों में विशेष आस्था है, इसीलिए ओंकारेश्वर तीर्थ क्षेत्र से मां नर्मदा से प्राप्त शिवलिंग की प्रतिष्ठा “श्री रामजन्मभूमि मंदिर” में की जाएगी, यह सब सिद्ध करता है की अनेकों विविधताओं के होते हुए भी हम सब भारतीय “आध्यात्मिक -सांस्कृतिक” रूप से एक है
बहुत गौरव निमाड़ की शान अयोध्या से ओमकारेश्वर को जोड़ दिया