राजस्थान के अलवर के निवासी विश्वम्भर दयाल क्रान्तिदल में सक्रिय थे।वे क्रान्तिकारी चंद्रशेखर आजाद के विश्वसनीय सहयोगी भी थे।
विश्वम्भर दयाल दिल्ली के प्रसिद्ध गाड़ोदिया स्टोर पर काम करते थे।जब क्रान्तिकारियों को पैसे की आवश्यकता हुई तो विश्वम्भर दयाल की सूचना पर चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में गाड़ोदिया स्टोर्स पर छापा मार कर १४०००₹ प्राप्त किए।
यह सारे पैसे विश्वम्भर दयाल और छैलबिहारी को देकर राजस्थान से शस्त्र खरीदने के लिए भेजा गया। ये दोनों क्रान्तिवीर राजस्थान जाने के पहले उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पास भारती भवन में स्वतंत्रता सेनानी पंडित सूर्यनारायण व्यास के ठहरे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने भारती भवन पर छापा मारा। पंडित सूर्यनारायण व्यास ने क्रान्तिकारियों को मंदिर के पंडो जैसे कपड़े पहना कर पिछले दरवाजे से महाकाल मंदिर भेज कर पुलिस से उन्हें बचाया।विश्वम्भर दयाल शर्मा सफलता पूर्वक वहां से निकल गए लेकिन राजस्थान के रास्ते मे पुलिस के हाथ पड़ गए।लेकिन गाड़ोदिया स्टोर्स के मुनीम इनके विरुद्ध कोई बयान नही दिया। फिर भी पुलिस विश्वम्भर दयाल को छोड़ना नही चाहती थी।जेल में पुलिस की यातनाओं से क्रान्तिवीर विश्वम्भर दयाल बीमार पड़ गए तो उन्हें अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बहाने अस्पताल में भर्ती कर २२अप्रेल १९३१ को विश्वम्भर दयाल शर्मा की हत्या कर दी।
नमन।
लेखक :- श्री अभय मराठे जी (उज्जैन)