भारतीय चित्र साधना द्वारा अगले वर्ष फरवरी माह में होने वाले चित्र भारती राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के दृष्टिगत दिल्ली में एक दिवसीय फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का आयोजन रविवार को दिल्ली में किया गया. कार्यशाला में देश के 29 प्रांतों से प्रतिभागियों ने भाग लिया.
निर्देशक एवं लेखक आकाशादित्य लामा ने कार्यशाला में प्रतिभागियों को फिल्म निर्माण, लेखन, व अन्य पहलुओं से संबंधित जानकारी प्रदान की. उन्होंने बताया कि सिनेमा को वैचारिक और तकनीकी पहलू पर परखना चाहिए, कंटेंट को किस प्रकार प्रस्तुत किया गया है, सिनेमाटोग्राफी कैसी है. कार्यशाला के दौरान विभिन्न फिल्मों व फिल्मों के ट्रेलर दिखाकर उन पर चर्चा हुई, और विश्लेषण किया गया.
आकाशादित्य ने बताया कि युवा फिल्मकारों को फिल्म निर्माण में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि सिनेमा काफी प्रभावशाली माध्यम है. भारतीय सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, अपितु भारतीय संस्कृति का भी वाहक है. युवा फिल्मकारों को उसी दृष्टि से काम करना चाहिए. हम सिनेमा के माध्यम से भारत की संस्कृति, भारत के ज्ञान भंडार, कलात्मक ज्ञान को सिनेमा के माध्यम से विश्व तक पहुंचा सकते हैं. हमारा दायित्व है कि सकारात्मक पक्ष को सबके समक्ष प्रस्तुत करें.
भारतीय चित्र साधना के सचिव अतुल गंगवार ने प्रतिभागियों को 18-20 फरवरी 2022 में भोपाल में होने वाले फिल्मोत्सव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. फिल्मोत्सव में विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत फिल्मों को 10 लाख के नकद पुरस्कार दिए जाएंगे. भारतीय चित्र साधना फिल्म क्षेत्र में भारतीय विचार के लिए कार्य करने वाली समर्पित संस्था है. प्रति दो वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर ‘चित्र भारती राष्ट्रीय लघु फिल्मोत्सव’ का आयोजन करती है. इसके अतिरिक्त वर्षभर विविध प्रकार की गतिविधियाँ एवं स्थानीय स्तर पर फिल्म समीक्षा, फिल्म प्रदर्शन, विमर्श, प्रशिक्षण एवं लघु फिल्म फेस्टिवल के आयोजन किये जाते हैं.
भारतीय चित्र साधना भारत की परंपराओं और विविधता का सम्मान करती है और मनाती है और ऑडियो-विजुअल क्षेत्र में भी इसे संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है. सामाजिक परिवर्तन में सिनेमा की अहम भूमिका है.
कार्यशाला में भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला, सचिव अतुल गंगवार सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे.