सिद्धपीठ माँ बगलामुखी

मनोकामना पूरी करने वाली सिद्धपीठ माँ बगलामुखी सनातन परंपरा में सभी देवियों का प्रमुख स्थान है, इन्हीं देवीयो में से माता बगलामुखी का विशिष्ट स्थान है। मां बगलामुखी को तंत्र की देवी कहा जाता है। भारत में बगलामुखी माता के ऐतिहासिक 3 मंदिर प्रसिद्ध है जिनमें (1) दतिया (मध्य प्रदेश) (2) कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) एवं (3) नलखेड़ा आगर जिला (मध्य प्रदेश) में विद्यमान है जिन्हें सिद्ध पीठ भी कहा जाता है।यह प्राचीन मंदिर आगर जिले के नलखेड़ा कस्बे में लखुंदर नदी (जिस का पुराना नाम लक्ष्मणा था) के किनारे विद्यमान है। इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में महाभारत युद्ध में विजय हेतु श्री कृष्ण के निर्देश पर युधिष्ठिर जी के द्वारा की गई थी। यह मंदिर मूलतः श्मशान क्षेत्र में स्थित है क्योंकि मां बगलामुखी तंत्र की देवी है अतः यहां देश-विदेश से लोग अपनी मनोकामना एवं तंत्र सिद्धियों के लिए आते हैं यहां स्थापित त्री शक्ति माता बगलामुखी की प्रतिमा जागृत एवं स्वयंभू है जिसके कारण लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।प्राचीन तंत्र ग्रंथों के अनुसार 10 महाविद्याओं का उल्लेख है जिनमें बगलामुखी का प्रमुख स्थान है इसी कारण सेव और शाक्त मार्गी साधु संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए नलखेड़ा आते हैं।मंदिर प्रांगण में माता बगलामुखी के साथ-साथदक्षिण मुखी हनुमान, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी एवं उत्तर मुखी कृष्ण भगवान एवं पूर्व मुखी भैरव की प्रतिमाएं भी स्थापित है। मंदिर प्रांगण 16 स्तंभों वाले सभा मंडप से शोभायमान है जिसका निर्माण 18वीं सदी में दक्षिणी कारीगर श्री तुला राम जी द्वारा किया गया था। वही मंदिर में 80 फीट ऊंची दीप मालिका बनी हुई है संध्या के समय दीप मालिका से पूरा मंदिर प्रांगण जगमगा उठता है है इस दीप मालिका का निर्माण सम्राट विक्रमादित्य द्वारा करवाया गया था।तीन मुख वाली त्री शक्ति माता बगलामुखी के दर्शन हेतु नवरात्र में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन को आते हैं वर्तमान में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मां बगलामुखी के दर्शन किए जा सकते हैं। आशा करते हैं मां बगलामुखी कि आशीष से आप सभी के जीवन में नव ऊर्जा एवं चेतना का विकास हो जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि स्थापित हो आप सभी में राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्र के प्रति कर्तव्य परायणता का भाव स्थापित हो। नवरात्र में माँ बगलामुखी का ध्यान करते हुए उक्त मंत्र का जाप कर सकते है अगर कहते है कि यदि इस मन्त्र का सही उच्चारण किया जाय तो मां बगलामुखी का यह बीज मंत्र साधक की समस्त मनोकानाओं की पूर्ति कर सकता हैं ।मंत्रऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानांवाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलयबुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।दर्शन हेतु कैसे पहुंचे:-मां बगलामुखी के दर्शन हेतु वायु मार्ग के लिए निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है, इंदौर पहुंच कर बस या टैक्सी द्वारा देवास से उज्जैन होते हुए हम आगर जिले के नलखेड़ा कस्बे में पहुंच सकते हैं इंदौर से नलखेड़ा की दूरी लगभग 156 किलोमीटर है वही उज्जैन से नलखेड़ा की दूरी लगभग 98 किलोमीटर है।

डॉ मोहित मुरलीधर पांचाल


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