आए दिन मुख्य मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार इस वर्ग से जुड़े अनेक समाचार पढ़ने मे आ रहे है , लव जिहाद के नाम पर युवतियों को षड्यंत्रपूर्वक भ्रमित कर उनका अहित करना हो या अभी हाल ही में रतलाम के सुराना गाँव का समाचार जिसमें मुसलमानों की संख्या 60% हो जाने के कारण वहाँ के हिन्दुओं का पलायन , सुरक्षित टापू समझा जाने वाला मध्य प्रदेश इस आंतरिक संकट से घिरता दिखाई दे रहा है |
मुसलमानों का जनसंख्या बढ़ाकर जनसांख्यिक बदलाव लाने की रणनीति और प्रशासन की असमर्थता का प्रकरण सामने आया है
चंदन नगर क्षेत्र 29 वर्ष पूर्व कॉंग्रेस के नेता द्वारा वोट बैंक के लालच में बसाया गया था | इस क्षेत्र से लव जिहाद , रंगदारी ओर गुंडागिर्दी के प्रकरण आते रहते है | कोरोना की प्रथम लहर में पुलिस और स्वस्थकर्मियों से मारपीट और धक्कामुक्की हो या कुछ वर्ष पूर्व हुए सांप्रदायिक दंगे , यह क्षेत्र कुख्यात ही रहा है |
यह क्षेत्र इंदौर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 59 से लगा हुआ है | जिसके पास आजाद नगर, सिरपुर जैसे मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र भी है | विकासशील योजनाओं के अंतर्गत इस अवैध चंदननगर बस्ती के बीच से सौ फिट का रोड निकालने की योजना है , किन्तु प्रशासन की लापरवाही और अजाकरुकता के कारण यहाँ ध्यान नहीं दिया गया | बाद मे निरीक्षण करने गए दल पर पथराव भी किया गया | वर्तमान में एक बार फिर यह मामला इंदौर विकास प्राधिकरण के सामने पहुँचा तो प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावडा ने इस योजना को स्वतः ही समाप्त कर देने की घोषणा कर दी |
इस प्रकरण से ‘सबका विकास’ का संकल्प टूटता दिख रहा हे इस योजना के रद्द होने से शहरवासियों को जाम की स्थितियों का सामना करना पड़ेगा और चार किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ेगी | इसी के साथ यह क्षेत्र ‘मिनी पाकिस्तान’ जैसे आंतरिक खतरे का सूचनावाहक भी दिखाई दे रहा हे |
ऐसे मे प्रश्न इंदौर विकास प्राधिकरण पर उठता है कि जहाँ मुस्लिम लोग अधिक रहते हैं वहाँ क्यों विकास की गंगा धीमी पड़ जाती है ? उनके अतिक्रमणों को हटाने में बुलडोजर क्यों रुक जाता है ? इंदौर मे ऐसे अनेक स्थान है जहां के अतिक्रमण इस समाज के एकजुट विरोध के कारण नहीं तोड़े गए | इस तुष्टीकरण से विकास का मार्ग तो बाधित हुआ ही है और इनके गैरकानूनी काम करने के हौसले भी बढ़ गए हैं | प्रशासन ओर कानून इनके कुकृत्यों पर कार्यवाई करने में असमर्थ दिखते हैं या करने से बचते दिखाई देते हैं |
स्मार्ट सिटी की योजना के अंतर्गत प्राचीन इंदौर के क्षेत्रों को भी तोड़ा गया , अनेक मंदिर और प्राचीन स्थलों पर भी बुलडोजर चले गए , अनेक मंदिर भी इस योजना के कारण तोड़े जाने है किन्तु जब बात मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों की आती है तो प्रशासन की इनपर बनी हुई कृपा पर प्रश्न उठाया जाना चाहिए | इन लोगों की अवैध संपत्तियों पर इतनी कृपा दृष्टि क्यों हो रही है ? यदि सभी नागरिक समान ही है तो इन लोगों के गलत कार्यों पर कार्रवाई ना कर इन्हें इतनी तवज्जो क्यों दी जा रही है ? इस प्रकार की एकतरफा प्रशासनिक कार्रवाई से हिन्दू समाज में रोष उत्पन्न हो रहा है |